हाल ही में सरकार द्वारा जारी 53 दवाओं की एक लिस्ट ने देश में कई लोगों के बीच घबराहट पैदा कर दी है। खासकर जब इस लिस्ट में पैरासिटामोल जैसी आम उपयोग में आने वाली दवा का नाम आया, तो लोग सवाल करने लगे कि क्या अब इन दवाओं का सेवन बंद कर देना चाहिए। आइए इस मामले को विस्तार से समझते हैं ताकि कोई भी गलतफहमी न रहे और आप सही निर्णय ले सकें।
1. दवाओं की नियमित जांच प्रक्रिया
यह पहली बार नहीं है कि सरकार ने दवाओं की गुणवत्ता को लेकर चेतावनी जारी की है। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO), जो भारत की ड्रग रेगुलेटर संस्था है, नियमित रूप से दवाओं की गुणवत्ता की जांच करती है। सरकार हर महीने विभिन्न दवाओं के नमूनों की रैंडम जांच करती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दवाएं मानक गुणवत्ता की हैं या नहीं। इस प्रक्रिया में यह देखा जाता है कि कौन सी दवाएं सही गुणवत्ता पर खरी उतर रही हैं और कौन सी नहीं।
2. पैरासिटामोल जैसे आम दवाओं का नाम सामने आना
लोगों के बीच विशेष रूप से पैरासिटामोल का नाम आने के कारण घबराहट हुई है, क्योंकि यह एक बहुत ही आम दवा है जो बुखार और दर्द के लिए उपयोग की जाती है। लेकिन यहां पर समझने वाली बात यह है कि यह जरूरी नहीं कि बाजार में उपलब्ध सभी पैरासिटामोल दवाएं खराब गुणवत्ता की हों। इस लिस्ट में जो नाम आए हैं, वे विशेष बैच नंबर और निर्माता से संबंधित हैं, न कि हर कंपनी द्वारा बनाई गई पैरासिटामोल से।
3. दवाओं की खराब गुणवत्ता के तीन मुख्य प्रकार
जब सरकार दवाओं की जांच करती है, तो उन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित करती है:
- स्प्यूरीयस ड्रग्स (नकली दवाएं): ये वे दवाएं हैं जिन्हें गलत तरीके से बेचा जाता है। यह संभव है कि इन दवाओं से कोई नुकसान न हो, लेकिन इन्हें आपको एक असली ब्रांड के नाम पर बेचा जा रहा हो, जो कि गलत है।
- पुअर क्वालिटी ड्रग्स (खराब गुणवत्ता की दवाएं): इसका मतलब है कि दवा में सक्रिय तत्व उस मात्रा में नहीं होते जो होने चाहिए, जिससे दवा उतनी प्रभावी नहीं होती जितनी होनी चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि दवा खतरनाक है, बल्कि इसका असर कम हो सकता है।
- एडल्टरेटेड ड्रग्स (मिलावटी दवाएं): ये दवाएं आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं क्योंकि इनमें खतरनाक मिलावट हो सकती है।
4. क्या आपको इन दवाओं से बचना चाहिए?
अगर आपके पास ऐसी कोई दवा है जिसका नाम इस लिस्ट में है, तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। सबसे पहले, आपको यह जांचना होगा कि क्या आपके पास मौजूद दवा उसी बैच का हिस्सा है जिसे असुरक्षित माना गया है। अगर ऐसा है, तो उस दवा का सेवन न करें। लेकिन यदि आपके पास किसी अन्य कंपनी या बैच की दवा है, तो उसके सेवन से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
5. जनता के लिए चेतावनी
सरकार द्वारा जारी यह लिस्ट एक चेतावनी है, जो जनता और दवा कंपनियों को यह बताने के लिए है कि गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। यदि कोई कंपनी खराब गुणवत्ता वाली दवाएं बनाती है, तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी दवाएं खराब हैं। आपको बस सतर्क रहना है और सही जानकारी प्राप्त करनी है।
6. क्या पैरासिटामोल लेना बंद करना चाहिए?
जैसा कि हमने पहले बताया, पैरासिटामोल या किसी अन्य आम दवा को लेना बंद करने की जरूरत नहीं है। बस यह सुनिश्चित करें कि वह दवा उस बैच की न हो जिसे असुरक्षित माना गया है। बाजार में कई कंपनियां पैरासिटामोल बनाती हैं और वे सभी इस लिस्ट में नहीं हैं।
7. सरकार की फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर कार्रवाई
इसके अलावा, हाल ही में सरकार ने 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर भी प्रतिबंध लगाया है। इन दवाओं में एक से अधिक सक्रिय तत्व होते हैं, जो लंबे समय में हानिकारक हो सकते हैं। यह कदम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में उठाया गया है।
निष्कर्ष:
सरकार द्वारा जारी 53 दवाओं की सूची लोगों को जागरूक करने और दवा कंपनियों को जिम्मेदार बनाने के लिए है। आपको घबराने की जरूरत नहीं है, बस सही जानकारी प्राप्त करें और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें।