नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने मंगलवार को देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों (High Courts) में न्यायाधीशों के तबादलों (Judges Transfer) की अधिसूचना जारी की है। यह कदम सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की सिफारिशों के आधार पर उठाया गया है, जो अगस्त 2025 में की गई थीं।
किन-किन जजों का हुआ तबादला?
कानून एवं न्याय मंत्रालय (Ministry of Law & Justice) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, कुल 14 न्यायाधीशों के तबादले किए गए हैं। प्रमुख तबादले इस प्रकार हैं:
दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित किए गए:
जस्टिस दिनेश मेहता (राजस्थान हाईकोर्ट)
जस्टिस अवनीश झिंगन (राजस्थान हाईकोर्ट)
जस्टिस चंद्रशेखरन सुधा (केरल हाईकोर्ट)
दिल्ली हाईकोर्ट से स्थानांतरित:
जस्टिस अरुण मोंगा → राजस्थान हाईकोर्ट
जस्टिस तारा वितस्ता गंजू → कर्नाटक हाईकोर्ट
अन्य महत्वपूर्ण तबादले:
जस्टिस चीकाटी मानवेंद्रनाथ रॉय → गुजरात से आंध्र प्रदेश
जस्टिस दोनादी रमेश → इलाहाबाद से आंध्र प्रदेश
जस्टिस संदीप एन. भट्ट → गुजरात से मध्य प्रदेश
जस्टिस संजय कुमार सिंह → इलाहाबाद से पटना
जस्टिस शुभेंदु सामंत → कलकत्ता से आंध्र प्रदेश
जस्टिस जे. निशा बानू → मद्रास से केरल (केरल हाईकोर्ट की पहली वरिष्ठ महिला जज बनेंगी)
कॉलेजियम की सिफारिश और प्रक्रिया
इन तबादलों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 25-26 अगस्त, 2025 को की थी। इसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मद्रास, राजस्थान, दिल्ली, इलाहाबाद, गुजरात, केरल, कलकत्ता, आंध्र प्रदेश और पटना हाईकोर्ट के कुल 14 जज शामिल थे।
स्थानांतरण की संवैधानिक प्रक्रिया
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 222 के तहत, भारत के राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश (CJI) के परामर्श के बाद किसी भी हाईकोर्ट के न्यायाधीश का स्थानांतरण कर सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया कॉलेजियम सिस्टम के तहत होती है जिसमें CJI के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जज शामिल होते हैं।
कॉलेजियम की सिफारिशें आमतौर पर कार्यपालिका के लिए बाध्यकारी मानी जाती हैं और यह भारत की न्यायिक नियुक्ति एवं स्थानांतरण प्रक्रिया की आधारशिला हैं।