हिमाचल में ड्वाडा फ्लाईओवर का खंभा गिरा, अस्थायी मरम्मत पर सवाल

हिमाचल प्रदेश में मंडी के पास ड्वाडा फ्लाईओवर का एक खंभा 11 सितंबर 2025 को भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की वजह से ध्वस्त हो गया। यह हादसा चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे पर हुआ, जो कुल्लू और मनाली को बाकी राज्यों से जोड़ने वाला अहम मार्ग है।

अस्थायी मरम्मत पर आलोचना

खंभे के गिरने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पुल को सहारा देने के लिए रेत की बोरियां लगाईं। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि इस सेटअप में सुरक्षा बैरियर जैसी बुनियादी सावधानियों की कमी है। कई यूजर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञों ने इसे “जुगाड़” बताया और बरसात में बार-बार होने वाले नुकसान पर सरकार की योजना और निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठाए।

मरम्मत के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान

NHAI ने इस मार्ग की मरम्मत के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह हाइवे न सिर्फ पर्यटन के लिहाज से अहम है बल्कि स्थानीय लोगों की रोजमर्रा की आवाजाही का भी मुख्य जरिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार होने वाली टूट-फूट सिर्फ प्राकृतिक आपदा का नतीजा नहीं, बल्कि निर्माण में कमी और दीर्घकालिक योजना की अनदेखी भी इसका कारण है।

लगातार चेतावनियों के बावजूद स्थिति जस की तस

हर साल मानसून में यह हाइवे कई जगहों पर क्षतिग्रस्त होता है। स्थानीय लोगों और इंजीनियरों ने पहले भी संरचनात्मक कमजोरियों की चेतावनी दी थी, लेकिन इस बार खंभा गिरने की घटना ने बुनियादी ढांचे की मजबूती पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि मरम्मत महज़ अस्थायी समाधान तक सीमित रहती है या स्थायी सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाते हैं।