नई दिल्ली में 2 सितम्बर को सेमिकॉन इंडिया 2025 के मंच पर देश ने तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और सेमीकंडक्टर लेबोरेट्री द्वारा विकसित ‘विक्रम’ 32-बिट प्रोसेसर का अनावरण हुआ। यह भारत का पहला पूरी तरह स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप है।
इस चिप को खासतौर पर अंतरिक्ष अभियानों के लिए तैयार किया गया है। रॉकेट और उपग्रहों में इस्तेमाल होने वाले इस प्रोसेसर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह अत्यधिक तापमान और अंतरिक्ष की कठिन परिस्थितियों को झेल सके।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्तुत किया। इस मौके पर मंत्री ने कहा कि यह कदम भारत की आयात पर निर्भरता कम करेगा और वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाएगा। सरकार ने इस क्षेत्र को गति देने के लिए 18 अरब डॉलर के निवेश का रास्ता भी साफ किया है।
‘विक्रम’ का महत्व केवल तकनीकी उपलब्धि तक सीमित नहीं है। यह एक संदेश भी है कि भारत अब अपने दम पर उन्नत तकनीक तैयार करने की क्षमता रखता है और आने वाले समय में अंतरिक्ष मिशनों से लेकर अन्य अत्याधुनिक क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।