भारत ने बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से अपनी अत्याधुनिक अग्नि-5 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण को सामरिक बल कमान (Strategic Forces Command) के अधीन संचालित किया गया और विशेषज्ञों के अनुसार, मिसाइल ने सभी तकनीकी और ऑपरेशनल मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
🔹 अग्नि-5 की विशेषताएं
- विकासकर्ता: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
- श्रेणी: लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल
- क्षमता: परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
- भूमिका: भारत की भूमि आधारित परमाणु सुरक्षा का मुख्य स्तंभ
- विशेषता: आधुनिक नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम से लैस
🔹 रणनीतिक महत्व
अग्नि-5 मिसाइल का यह सफल परीक्षण भारत की रक्षा और परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को नई मजबूती प्रदान करता है। यह मिसाइल भारत की “मिनिमम डिटरेंस” (न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता) और “नो-फर्स्ट-यूज” नीति के अनुरूप, शत्रु के किसी भी संभावित आक्रमण का प्रभावी जवाब देने की क्षमता रखती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस परीक्षण से न केवल भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सुदृढ़ हुई है बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की सामरिक स्थिति भी और अधिक सशक्त हुई है।