जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में शनिवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि सेना और पुलिस के पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। यह मुठभेड़ कुलगाम के आदिगाम इलाके में हुई, जहां सुरक्षा बलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान चलाया था।
मुठभेड़ की पृष्ठभूमि
पुलिस को आदिगाम गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने गांव की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। आतंकवादियों ने खुद को घिरा हुआ पाकर सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाला।
सुरक्षा बलों का जवाबी हमला
मुठभेड़ के दौरान सेना के चार जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के तिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) मुमताज अली घायल हो गए। घायल जवानों को तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए अस्पताल ले जाया गया। मुठभेड़ स्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया, ताकि इलाके को पूरी तरह से सील किया जा सके और आतंकवादी भाग न सकें।
आतंकवादियों का परिचय और रणनीति
सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकवादी कट्टर विदेशी भाड़े के आतंकवादी थे, जो पिछले कुछ महीनों से जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में हमलों को अंजाम दे रहे थे। ये आतंकवादी विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में घात लगाकर हमले करते थे और फिर घने जंगलों में छिप जाते थे। उनकी इस रणनीति को नाकाम करने के लिए सेना ने ऊंचे पर्वतीय इलाकों और घने जंगलों में 4,000 से अधिक पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया था। इस सुरक्षा रणनीति के कारण आतंकवादी हमलों में भारी कमी आई है।
आगे की रणनीति
कुलगाम मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है और तलाशी अभियान जारी है, ताकि किसी भी शेष आतंकवादी को पकड़ा जा सके। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई के बाद, आतंकवादी गतिविधियों में कमी आई है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में अभी भी चुनौती बरकरार है।
निष्कर्ष
कुलगाम मुठभेड़ ने एक बार फिर दिखाया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकवादियों के खिलाफ सख्त रुख अपना रहे हैं। हालांकि इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को कुछ नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन आतंकवादियों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई ने सुरक्षा बलों की तत्परता को साबित कर दिया है।