न्यायमूर्ति मनमोहन ने रविवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली।
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने अपने सचिवालय राज निवास में हुए समारोह में 61 वर्षीय न्यायाधीश को शपथ दिलाई।
समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के बाद न्यायमूर्ति मनमोहन को नौ नवंबर 2023 को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति मनमोहन प्रख्यात नौकरशाह-राजनेता, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल रहे जगमोहन के बेटे हैं।
उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने 11 जुलाई को न्यायमूर्ति मनमोहन को दिल्ली उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की अनुशंसा की थी। वह 16 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे।
केंद्र सरकार ने उन्हें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के प्रस्ताव को 21 सितंबर को मंजूरी दी थी।
न्यायमूर्ति मनमोहन को 13 मार्च 2008 को दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह एक वरिष्ठ अधिवक्ता थे। 17 दिसंबर 2009 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने 1987 में अधिवक्ता के तौर पर पंजीकरण कराया था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की थी।