पृष्ठभूमि
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक माह के भीतर सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है। हिजबुल मुजाहिदीन के दुर्दांत आतंकी बुरहान वानी की बरसी पर सुरक्षाबलों पर हमले के इनपुट सुरक्षा एजेंसियों को लगातार मिल रहे थे। इसी के चलते कठुआ जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया था। सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए थे।
सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता
खुफिया सूत्रों से मिल रहे इनपुट के बाद सोमवार को आर्मी स्कूल में छुट्टी कर दी गई थी। यह स्कूल ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सोमवार को खुल रहा था। सुरक्षा बलों के एक वाहन को जिले के दूरदराज लोहाई मल्हार के बदनोता से सटे इलाके में निशाना बनाया गया। आतंकियों ने सुरक्षाबलों के वाहन पर ग्रेनेड फेंका, जिसके बाद सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की और मुठभेड़ जारी रही।
घटनास्थल पर कार्रवाई
हमले की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में सुरक्षाबलों को घटनास्थल की ओर रवाना कर दिया गया। बिलावर और लोहाई मल्हार से पुलिस पार्टियां तुरंत रवाना हो गईं, जबकि एसओजी की टीम और जिले के विभिन्न थानों से भी सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे। बनी के ढग्गर इलाके को सेना और पुलिस ने घेर लिया और आतंकियों के सफाए के लिए उधमपुर से भी सुरक्षा बलों को बुलाया गया।
सर्च ऑपरेशन
भारी संख्या में सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। 11 जून को हीरानगर के सैडा सोहल इलाके में आतंकी हमले के एक महीने के भीतर कठुआ जिले में यह दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले हीरानगर के सैडा सोहल गांव में हमला हुआ था, जिसमें सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मौके पर ही मार गिराया था और दूसरे आतंकी का सफाया 12 जून को कर दिया था। आतंकियों से नकदी और भारी मात्रा में असलहा भी बरामद हुआ था।
उच्च अधिकारियों की स्थिति स्पष्ट
मौके पर पहुंचे उच्च अधिकारियों ने बताया कि इलाके में और भी आतंकियों की मौजूदगी हो सकती है। कठुआ जिले के सैडा सोहल के अलावा उधमपुर के बसंतगढ़ और कठुआ-डोडा सरहद पर छत्रगला में भी हाल के महीनों में आतंकी हमले हुए थे। इन हमलों के बाद सेना को इन इलाकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बनी और मछेड़ी दोनों ही इलाकों में सेना की वापसी हुई है और दोनों जगह सेना की एक-एक कंपनी तैनात की गई है। ये कंपनियां स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर आतंकियों की तलाश में अभियान चला रही हैं।
सोमवार को हमला
सोमवार को दोपहर बाद मछेड़ी इलाके में घात लगाए आतंकियों ने सेना के गश्ती दल पर हमला किया। इसमें जेसीओ समेत पांच जवान बलिदान हो गए, जबकि पांच गंभीर रूप से घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और देर रात तक ऑपरेशन जारी रहा। घटना शाम लगभग साढ़े तीन बजे की है, जब बिलावर उपजिले के बदनोता के बरनूड इलाके में जेंडा नाले के पास सेना के 22 गढ़वाल राइफल्स के वाहन पर हमला हुआ। आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंका और फिर अंधाधुंध गोलाबारी शुरू कर दी।
ऑपरेशन की रणनीति
दहशतगर्दों के स्टील बुलेट के इस्तेमाल का शक है। सेना के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई शुरू की, लेकिन आतंकियों ने घने जंगल में भाग निकले। सेना ने ऑपरेशन में पैरा कमांडो को भी शामिल कर लिया है, जिन्हें एयरलिफ्ट कर हमले वाले इलाके में ले जाया गया है। सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली है और घायल जवानों को पीएचसी बदनोता में प्राथमिक उपचार के बाद उपजिला अस्पताल बिलावर में भर्ती करवाया गया है।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की यह मुस्तैदी दर्शाती है कि देश की सुरक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। हाई अलर्ट और सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता ने इस बड़े हमले को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, यह घटना यह भी याद दिलाती है कि हमें सतर्क और तैयार रहने की आवश्यकता है, ताकि आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया जा सके।