पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर के कोटली ज़िले में शनिवार को हालात बिगड़ गए जब हज़ारों लोग आर्थिक राहत की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। महंगाई, बढ़ते बिजली बिल और गेहूं की ऊँची कीमतों से परेशान लोग लंबे समय से राहत की मांग कर रहे थे। शनिवार को भीड़ ने ज़िला मुख्यालय के पास बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया और गेहूं पर सब्सिडी, बिजली दरों में कटौती और नियमित आपूर्ति की मांग दोहराई।
प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, पुलिस ने रास्ते रोकने और प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कई जगह बैरिकेड तोड़े गए और पुलिस पर पथराव हुआ। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में हथियारबंद पुलिसकर्मी भीड़ को रोकते नज़र आ रहे हैं और गोलियों की आवाज़ सुनाई देती है। हालांकि अब तक किसी आधिकारिक हताहत या गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है।
स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने कोटली शहर की ओर आने वाले कई मार्गों को बंद कर दिया और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। पर्यटकों और आम नागरिकों को क्षेत्र से दूर रहने की सलाह दी गई है। पत्रकारों की एंट्री पर पाबंदी और मीडिया कवरेज पर रोक के कारण जमीनी हालात की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही।
पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। महंगाई दर रिकॉर्ड स्तर पर है और बिजली उत्पादन में कमी के कारण लगातार कटौती हो रही है। इन हालातों ने पीओके में आम जनता की नाराज़गी को और बढ़ा दिया है। कोटली, जो लाइन ऑफ कंट्रोल के नज़दीक स्थित है, में इस तरह का तनाव क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर नई चिंता पैदा कर रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए तो आंदोलन और फैल सकता है। फिलहाल प्रशासन ने स्थिति पर नज़र बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा है।