कुवैत में लगी भीषण आग में 45 भारतीय श्रमिकों की जान गईभीषण आग में 45 भारतीयों की मौत

कुवैत में बुधवार को मंगाफ शहर की एक छह मंजिला इमारत में भीषण आग लगने से कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 45 भारतीय श्रमिक थे। इस इमारत में कुल 176 भारतीय श्रमिक रह रहे थे, जिनमें से 33 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

भारतीय वायुसेना का विशेष विमान शवों को लेकर कोच्चि पहुंचेगा

भारतीय वायुसेना का एक विशेष विमान कुवैत से 45 भारतीयों के शवों को लेकर उड़ान भर चुका है और यह विमान शुक्रवार सुबह 10:30 बजे कोच्चि हवाई अड्डे पर पहुंचेगा। इस विशेष विमान में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी शामिल हैं, जो कुवैत में समन्वय करके शवों की शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए गए थे।

विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास का बयान

कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने कहा, “कुवैत में आग की घटना में 45 भारतीय पीड़ितों के पार्थिव शरीर को लेकर एक विशेष भारतीय वायुसेना का विमान कोच्चि के लिए रवाना हो गया है। राज्य मंत्री @KVSinghMPGonda, जिन्होंने कुवैती अधिकारियों के साथ समन्वय करके शीघ्र वापसी सुनिश्चित की, वो भी इसी विमान में सवार हैं।”

कोच्चि हवाई अड्डे पर तैयारियां

कोच्चि हवाई अड्डे पर एम्बुलेंस स्टैंडबाय पर हैं, जहां विमान उतरने वाला है। मृतकों में केरल के 23, तमिलनाडु के सात, उत्तर प्रदेश के तीन, ओडिशा के दो और बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड और हरियाणा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

विदेश राज्य मंत्री की गतिविधियाँ

कीर्ति वर्धन सिंह ने कुवैत पहुंचकर पांच अस्पतालों का दौरा किया, जहाँ घायल भारतीय श्रमिकों का इलाज चल रहा है। दूतावास ने अस्पताल अधिकारियों के हवाले से कहा कि घायल श्रमिकों को उनके स्वास्थ्य के आधार पर छुट्टी दी जाएगी।

डीएनए परीक्षण के जरिए पीड़ितों की पहचान

विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि आग में शव इतनी बुरी तरह जल गए थे कि उनकी पहचान मुश्किल हो गई थी। पीड़ितों की पहचान की पुष्टि करने के लिए उनका डीएनए परीक्षण किया गया। यह कदम पीड़ितों के परिवारों को सही जानकारी और सम्मान के साथ उनके प्रियजनों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया।


कुवैत में अग्निकांड: भारतीय श्रमिकों की त्रासदी

इस भीषण अग्निकांड ने कुवैत में रह रहे भारतीय श्रमिकों के लिए एक गंभीर त्रासदी पैदा कर दी है। भारतीय सरकार और दूतावास इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस घटना ने प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर नए सिरे से चर्चा की आवश्यकता को भी उजागर किया है।

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