कीव: यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूस ने बुधवार रात अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) दागी, जिसका लक्ष्य देश के मध्य-पूर्व में स्थित ड्निप्रो शहर था। यदि इस हमले की पुष्टि होती है, तो यह पहली बार होगा जब रूस ने युद्ध के दौरान ऐसी शक्तिशाली मिसाइल का इस्तेमाल किया है।यूक्रेन की वायु सेना ने गुरुवार (21 नवंबर, 2024) को टेलीग्राम पर एक बयान जारी करते हुए बताया कि मिसाइल को रूस के अस्त्राखान क्षेत्र से दागा गया, जो कैस्पियन सागर के करीब है। बयान में कहा गया कि ड्निप्रो पर ICBM और अन्य आठ मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से छह को यूक्रेनी सेना ने नष्ट कर दिया।
इस हमले में दो लोग घायल हुए और एक औद्योगिक इकाई व दिव्यांगों के लिए पुनर्वास केंद्र को नुकसान पहुंचा।विशेषज्ञों का कहना है कि यूक्रेन पर ICBM का उपयोग करना इसकी अत्यधिक रेंज को देखते हुए अनुपयुक्त लगता है। लेकिन इन मिसाइलों को परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है, और इस हमले को रूस की परमाणु क्षमता और संभावित वृद्धि के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
परमाणु सिद्धांत में बदलाव के बाद रूस का बड़ा कदम
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में अपने देश की परमाणु नीति में संशोधन किया है, जिसमें परमाणु हथियारों के उपयोग की सीमा को कम कर दिया गया है। विशेषज्ञ इसे युद्ध में गंभीर मोड़ मान रहे हैं।यूक्रेन ने इस सप्ताह अमेरिकी आपूर्ति वाली लंबी दूरी की मिसाइलों और ब्रिटेन निर्मित स्टॉर्म शैडो मिसाइलों का उपयोग कर रूस पर हमले किए। इसके जवाब में, रूस के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को दावा किया कि उसने दो स्टॉर्म शैडो मिसाइलें, छह HIMARS रॉकेट और 67 ड्रोन को मार गिराया। हालांकि, मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि ये घटनाएं कब और कहां हुईं।
युद्ध में अंतरराष्ट्रीय आयाम का विस्तार
इस बीच, युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा मोड़ ले लिया है। उत्तर कोरियाई सैनिक अब रूस की मदद के लिए युद्धक्षेत्र में सक्रिय हैं। इस विकास के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि यदि यूक्रेन पश्चिमी आपूर्ति वाले हथियारों का उपयोग कर रूस पर हमला करता है, तो इसे रूस और नाटो के बीच युद्ध माना जाएगा।
परमाणु प्रतिक्रिया की बढ़ती आशंका
पुतिन द्वारा लागू किए गए नए सिद्धांत के अनुसार, रूस अब पारंपरिक हथियारों से हुए किसी भी बड़े हमले के जवाब में परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है, भले ही हमला किसी ऐसे देश द्वारा किया गया हो, जिसे किसी परमाणु शक्ति का समर्थन प्राप्त हो। हालांकि, यह नीति व्यापक रूप से तैयार की गई है ताकि परमाणु हथियारों के उपयोग का कोई स्पष्ट वचन न दिया जाए और पुतिन के पास विकल्प खुले रहें।इस घटनाक्रम ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि युद्ध अब खतरनाक दिशा में बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।