लाल किले ब्लास्ट जांच में अल-फलाह यूनिवर्सिटी कनेक्शन फिर चर्चा में; 2007–08 सीरियल धमाकों का वांटेड आतंकवादी मिर्जा शादाब बेग एक बार फिर जांच के केंद्र में
10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच लगातार नए खुलासे कर रही है। जांच एजेंसियों को प्रारंभिक जांच में जिस नेटवर्क के संकेत मिले थे, उसके कई लिंक फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े पाए जा रहे हैं। अब यह बात सामने आई है कि यह पहला मामला नहीं है जहां इस संस्थान से जुड़े किसी छात्र का नाम आतंकी गतिविधियों में देखा गया हो।
जांच में एक बार फिर मिर्जा शादाब बेग का नाम उभरा है, जो 2007–08 के कई सीरियल ब्लास्ट मामलों में वांटेड है और उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित है।
एजेंसियों के अनुसार, वह इंडियन मुजाहिदीन (IM) का सक्रिय सदस्य रहा है और वर्षों से फरार है।
कौन है मिर्जा शादाब बेग?
मिर्जा शादाब बेग मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है।
स्कूल शिक्षा चुनौतियों के बीच पूरी करने के बाद उसने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से 2007 में B.Tech (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इंस्ट्रूमेंटेशन) किया था।
पुरानी खुफिया एवं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह इंडियन मुजाहिदीन के “आजमगढ़ मॉड्यूल” से जुड़ा रहा और बाद में कथित तौर पर पाकिस्तान या सऊदी अरब में छिपने की जानकारी सामने आई।
2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में आया था नाम
26 जुलाई 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में बेग का नाम आरोपियों में शामिल बताया गया था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार:
उसने कई युवकों को मॉड्यूल में भर्ती कराया
उसका कजिन साकिब निसार भी संगठन से जुड़ा
उसने आजमगढ़ और दिल्ली के मॉड्यूल को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
दिल्ली और अहमदाबाद धमाकों से सीधा लिंक
एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि बेग दिल्ली और अहमदाबाद धमाकों की रेकी (सर्वेलेंस) में सीधे शामिल था।
दिल्ली के इंडिया गेट पर बम लगाने में भी उसकी भूमिका की जांच की जा चुकी है।
2008 जयपुर ब्लास्ट और उडुपी कनेक्शन
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के कारण बेग IED तैयार करने और बम असेंबलिंग की तकनीक में निपुण था।
जांच में सामने आया कि:
वह कर्नाटक के उडुपी में विस्फोटक जुटाने गया था
उसने IM के रियाज और यासीन भटकल के लिए डेटोनेटर और बेयरिंग की व्यवस्था की
इन्हीं सामग्री से जयपुर ब्लास्ट में इस्तेमाल हुए IED तैयार किए गए
अहमदाबाद धमाकों की प्लानिंग में तीन टीमों के साथ समन्वय
जांच रिकॉर्ड के मुताबिक, अहमदाबाद धमाकों से पहले बेग:
लॉजिस्टिक मैनेजमेंट
IED फिटिंग
बैग-बम तैयार करने
जैसे अहम कामों में शामिल था।
2007 गोरखपुर धमाकों में भी आया था नाम
गोरखपुर में 2007 में हुए धमाकों में छह लोग घायल हुए थे।
बेग की भूमिका की जांच में सामने आने के बाद उसकी आजमगढ़ स्थित संपत्ति भी कुर्क की गई थी।
बाटला हाउस एनकाउंटर में वांटेड
बेग दिल्ली के जाकिर नगर में रहता था और कथित तौर पर कट्टरपंथी साहित्य के माध्यम से युवकों को प्रभावित करता था।
2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद बेग और मोहम्मद खालिद को वांटेड घोषित किया गया था।
जर्मन बेकरी ब्लास्ट में भी नाम
जांच रिकॉर्ड के अनुसार, बेग पुणे की जर्मन बेकरी ब्लास्ट (2010) साजिश में भी शामिल माना गया था।
लाल किला ब्लास्ट की मौजूदा जांच में बेग के पुराने नेटवर्क का फिर से अध्ययन किया जा रहा है, जिससे कड़ी जोड़कर नए तथ्य सामने आने की उम्मीद है। हालांकि, वह अब तक गिरफ्त से बाहर है और कई मामलों में इसकी तलाश जारी है।
