केरल के वायनाड जिले में मंगलवार की सुबह लोगों की नींद भूस्खलन की भयावहता ने उड़ा दी। पहाड़ी क्षेत्र में हुई इस त्रासदी ने भारी बारिश और अचानक बाढ़ से भयावह मंजर खड़ा कर दिया। न्यूज एजेंसी IANS के अनुसार, अब तक इस भूस्खलन में 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें कई बच्चे भी शामिल हैं। मलबे में सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है।
वायनाड के मेप्पाडी क्षेत्र में हुआ यह भूस्खलन केंद्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन दलों के लिए चुनौती बन गया है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, फायर फाइटर्स और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में कई मकान और गाड़ियां मलबे में दबती दिख रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
वायनाड के मेप्पाडी से महज 50 मीटर दूर रहने वाले एबी जोर्ज ने घटना के दर्द को सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने लिखा, “मेरे घर से केवल 50 मीटर दूर… कुछ पड़ोसी नहीं मिल रहे हैं।” इसके साथ ही, उन्होंने केरल के कोझिकोड के विलंगड से कुछ दृश्य भी साझा किए हैं, जहां भारी बारिश के कारण फायर फोर्स और पुलिस क्षेत्र में पहुंचने में असमर्थ रही।
प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी बात की, और उनसे राहत कार्यों में भाजपा कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि सभी सरकारी एजेंसियां राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। राहुल गांधी ने भी इस भीषण भूस्खलन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।” उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों से बात कर हर संभव सहायता का अनुरोध किया और सभी कार्यकर्ताओं से प्रशासन की मदद करने का आग्रह किया।
केरल स्वास्थ्य विभाग ने वायनाड में एक कंट्रोल रूम खोला है, जहां इमरजेंसी असिस्टेंट की जरूरत वाले लोग 9656938689 और 8086010833 नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। कन्नूर रक्षा सुरक्षा कोर की दो टीमों को भी वायनाड भेजा गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, लगातार बारिश के कारण राहत कार्य में बाधाएं आ रही हैं।