मुम्बई: शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने हाल ही में लोकसभा स्पीकर पद को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार की स्थिति 2014 और 2019 जैसी नहीं है और सरकार स्थिर नहीं है।
प्रमुख बिंदु:
- चंद्रबाबू नायडू की मांग: संजय राउत ने बताया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता चंद्रबाबू नायडू ने लोकसभा स्पीकर का पद मांगा है। अगर उन्हें यह पद नहीं मिलता है तो शिवसेना (यूबीटी) सुनिश्चित करेगी कि तेदेपा के उम्मीदवार को INDI गठबंधन का समर्थन मिले।
- एनडीए गठबंधन: राउत का मानना है कि स्पीकर का पद एनडीए गठबंधन के किसी नेता को मिलना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एनडीए के उम्मीदवार को यह पद नहीं मिलता, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह टीडीपी, जेडीयू और लोजपा (रामविलास) को तोड़ सकते हैं।
- विपक्ष की भूमिका: यदि डिप्टी स्पीकर पद विपक्षी गठबंधन को नहीं मिला, तो वे लोकसभा स्पीकर पद के लिए अपने उम्मीदवार का एलान कर सकते हैं। गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा के दौरान डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा था।
आगामी सत्र:
- सत्र की तिथि: लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा।
- राष्ट्रपति का संबोधन: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी।
चुनावी परिणाम और गठबंधन:
- भाजपा की स्थिति: हाल ही में संपन्न हुए आम चुनाव में भाजपा को 240 सीटों पर जीत मिली, जो बहुमत के आंकड़े 272 से 32 कम है।
- किंगमेकर पार्टियाँ: तेदेपा (16 सीटें) और जदयू (12 सीटें) इस स्थिति में किंगमेकर बनकर उभरी हैं।
- विपक्ष की मांग: आम आदमी पार्टी और विपक्षी गठबंधन ने भी मांग की है कि लोकसभा स्पीकर का पद जदयू या तेदेपा को मिलना चाहिए।
संजय राउत के बयान के बाद लोकसभा स्पीकर पद को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर कौन सी पार्टी बाजी मारती है और कौन सी पार्टी इस लड़ाई में पीछे रह जाती है।