मध्य प्रदेश की रक्षक देवी मां बगलामुखी, तंत्र शक्ति का प्रमुख केंद्र

भारत के विभिन्न हिस्सों में शक्तिपीठों की विशेष मान्यता है, लेकिन मध्य प्रदेश के आगर जिले के नलखेड़ा में स्थित मां बगलामुखी मंदिर को राज्य की रक्षक देवी के रूप में पूजा जाता है, यह स्थान तंत्र साधना और सकारात्मक ऊर्जा का प्रमुख केंद्र माना जाता है।

लखुंदर नदी के तट पर स्थित यह प्राचीन मंदिर द्वापर युग से जुड़ा बताया जाता है, मान्यता है कि महाभारत काल में पांडवों ने भगवान श्रीकृष्ण के मार्गदर्शन में यहां मां बगलामुखी की तपस्या की थी, जिससे उन्हें युद्ध में विजय प्राप्त हुई।

मंदिर परिसर में मां बगलामुखी के साथ माता लक्ष्मी, माता सरस्वती, भगवान श्रीकृष्ण, हनुमान और भैरव की मूर्तियां भी विराजमान हैं, इसी कारण इसे त्रिदेवी शक्तिपीठ के रूप में भी जाना जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां बगलामुखी शत्रुओं की बुद्धि को स्तंभित करने वाली देवी हैं, इसलिए यहां की गई साधना को शत्रु बाधा निवारण और विजय प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

इस मंदिर की एक अनोखी विशेषता यह है कि यह चारों दिशाओं से श्मशानों से घिरा हुआ है, इसके बावजूद यहां नकारात्मकता नहीं बल्कि तेज सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है, जो तंत्र साधकों के लिए विशेष महत्व रखता है।

मंदिर में मां को पीले वस्त्र अर्पित किए जाते हैं और खड़ी हल्दी चढ़ाई जाती है, बताया जाता है कि यह देश का पहला मंदिर है जहां मां बगलामुखी को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से खड़ी हल्दी अर्पित की जाती है।

पुजारियों के अनुसार पीला रंग विजय और शक्ति का प्रतीक है, इसलिए मां बगलामुखी को यह रंग अत्यंत प्रिय है और इसी कारण भक्त यहां पीले वस्त्र धारण कर पूजा-अर्चना करते हैं।

मंदिर में बगलामुखी पूजन, मंत्र जप, तंत्र अनुष्ठान और हवन जैसे विशेष कर्मकांड किए जाते हैं, मान्यता है कि यहां किया गया हवन इतना प्रभावशाली होता है कि भक्तों के जीवन से बड़े से बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं।

देशभर से साधु-संत, अघोरी और श्रद्धालु यहां विशेष साधना के लिए पहुंचते हैं, रात के समय होने वाले अनुष्ठानों को अत्यंत सिद्धिदायक माना जाता है और भक्त मां से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

मां बगलामुखी का यह मंदिर केवल तंत्र साधना का केंद्र ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की अटूट आस्था और विश्वास का प्रतीक भी है, जहां लोग जीवन की हर बाधा से मुक्ति की कामना लेकर पहुंचते हैं।