मणिपुर: मंगलवार को मणिपुर के इम्फाल घाटी से जुड़े पांच जिलों में इंटरनेट प्रतिबंध और कर्फ्यू के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रहा। लगातार दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से सुरक्षा बलों के साथ झड़पों के रूप में सामने आया। मणिपुर सरकार ने जातीय हिंसा में नए उछाल के बाद छात्रों के प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू और इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया है, जिसने इस क्षेत्र को पिछले एक साल से हिला रखा है।

राज्य के गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक नोटिस में सभी इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अगले पांच दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया गया। नोटिस में कहा गया कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का उपयोग कर जनता की भावनाओं को भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण और वीडियो संदेश प्रसारित कर सकते हैं।मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने राज्य के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह और डीजीपी राजीव सिंह को हटाने की मांग करते हुए राज्यभवन और मुख्यमंत्री आवास की घेराबंदी करने की कोशिश की। इस दौरान हुई झड़प में 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों के घायल होने की संभावना है।विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले एक साल से चल रहे ये विरोध प्रदर्शन राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से और भी खतरनाक हो गए हैं, खासकर म्यांमार की सीमा से सटे होने के कारण बाहरी हस्तक्षेप की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।