How is repeatedly reheating food is harmful for health: आज लोगों के पास इतना भी समय नहीं है कि वे शांति से बैठकर कुछ खा सकें. सुबह उठते ही इतनी जल्दबाजी मची रहती है कि नाश्ता भी नहीं करते. बस दिमाग में होता है ऑफिस समय पर पहुंचने की टेंशन. ऐसे में जो भी मिलता है, वो खा लेता है. इस तरह से सेहत तो बिगड़ती ही है, शरीर भी कमजोर होता है. कई बार तो लोग एक ही बार इतना खाना बना कर रख लेते हैं, ताकि बार-बार पकाना ना पड़े. उसी पके हुए भोजन को फ्रिज से निकालत हैं और कभी गैस पर तो कभी ओवन में गर्म करके खाते रहते हैं. तो क्या आपकी ये एक ही भोजन को दस बार गर्म करके खाने की आदत सही है? क्या ऐसा करके आप खुद को बीमार तो नहीं कर रहे हैं? चलिए जान लेते हैं भोजन को बार-बार गर्म करके खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं,आयुर्वेद और Medical Science के अनुसार।
क्या भोजन को बार-बार गर्म करके खाना , अनहेल्दी है ?
-आयुर्वेद और Medical Science दोनों इस आदत को बेहद खतरनाक मानते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार गर्म किया गया खाना पोषण कम और जहर अधिक बन जाता है. यह न सिर्फ पाचन पर असर डालता है, बल्कि शरीर में जहरीले तत्व यानी टॉक्सिन्स जमा करके गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है.
-आयुर्वेद में दोबारा गर्म किए गए खाने को ‘आमवर्धक’ और ‘वीर्यहीन’ कहा जाता है यानी ऐसे खाने से न तो शरीर को कोई ताकत मिलती है और न ही यह पेट में ठीक से पचता है. इस तरह का भोजन शरीर को धीरे-धीरे कमजोर करता चला जाता है और रोगों को कारण बनता है.
–Medical Science भी इस चेतावनी की पुष्टि करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पके हुए खाने को दोबारा गर्म करते समय उसका तापमान कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचना चाहिए ताकि बैक्टीरिया नष्ट हो सकें, लेकिन यह प्रक्रिया सिर्फ एक बार करनी चाहिए. बार-बार गर्म करने से न केवल पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, बल्कि कुछ खाद्य पदार्थों में कैंसरकारक रसायन भी बन सकते हैं. उदाहरण के लिए, प्रोटीन युक्त आहार जैसे अंडा या चिकन को बार-बार गर्म करने से उसका प्रोटीन संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे शरीर के लिए उसे पचाना काफी कठिन हो जाता है.
-पके हुए चावल या पास्ता में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो दोबारा गर्म करने पर भी पूरी तरह नष्ट नहीं होते, जिससे फूड पॉइजनिंग होने की आशंका बढ़ जाती है.
-आलू, ब्रेड और तले हुए व्यंजन जैसे पकौड़े, समोसे आदि को बार-बार गर्म करने पर अक्रिलामाइड नामक रसायन बनता है, जो लंबे समय तक सेवन करने पर कैंसर के होने का जोखिम बड़ा सकता है.
-ऐसे में आयुर्वेद और Medical Science दोनों ही हमेशा यही सलाह देते हैं कि भोजन हमेशा ताजा करें, घर का बना खाएं और सीमित मात्रा में बनाएं.