‘चमत्कारिक छोटी दूधी’, पेट और त्वचा दोनों का रखती है ख्याल

भारत सहित कई उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अक्सर खाली पड़ी जमीन पर एक छोटा-सा पौधा आसानी से मिल जाता है, जिसे हम ‘छोटी दूधी’ कहते हैं। इसके तने और पत्तियों से निकलने वाला दूधिया रस इसकी खास पहचान है। आमतौर पर इसे खरपतवार मानकर नज़रअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन आयुर्वेद में इसके औषधीय गुणों का इस्तेमाल सदियों से हो रहा है


यह पौधा ज़मीन पर फैला रहता है, इसकी पतली लाल टहनियों पर बहुत छोटे हरे-लाल रंग के फूल गुच्छों में पत्तियों के पास खिलते हैं।


🌿 आयुर्वेदिक गुण और फायदे

अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, छोटी दूधी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं:

  • पेट की समस्याओं में लाभकारी – दस्त, कब्ज, अपच जैसी दिक्कतों में राहत देती है।
  • ऊर्जा व ताकत बढ़ाए – कमजोरी दूर करने में सहायक।
  • पेट के कीड़े खत्म करे – पौधे का रस या पत्तों का काढ़ा असरदार है।
  • कसैले गुण – रक्तस्राव रोकने, घाव भरने और दस्त या पसीने को नियंत्रित करने में मददगार।
  • त्वचा रोगों में उपयोगी – दूधिया रस दाद, खुजली, मुंहासे और अन्य त्वचा संक्रमण में राहत देता है।
  • बालों के लिए फायदेमंद – बाल लंबे, घने, काले और चमकदार बनते हैं, झड़ना कम होता है।

💆‍♀️ छोटी दूधी हेयर मास्क बनाने की विधि

  1. पौधे का दूधिया रस निकालें या इसे पीसकर पेस्ट बना लें।
  2. बालों में अच्छी तरह लगाएं।
  3. 15–20 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर धो लें।

⚠️ सावधानियां

दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए

किसी भी बीमारी के इलाज के लिए इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें

गलत या अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है।