मोबाइल रेडिएशन और गर्भस्थ शिशु पर खतरा

वैज्ञानिकों की एक नई स्टडी ने चिंता बढ़ा दी है। शोध में सामने आया है कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क को नुकसान पहुँचा सकती है

क्या पाया गया शोध में

विशेषज्ञों ने गर्भवती महिलाओं और उनके भ्रूण पर मोबाइल रेडिएशन का प्रभाव जांचा। नतीजे बताते हैं कि लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहने से भ्रूण के मस्तिष्क की कोशिकाओं पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इससे बच्चे के जन्म के बाद उसके दिमागी विकास में दिक्कतें आ सकती हैं।

गर्भावस्था क्यों अहम है

गर्भावस्था से ही शिशु का बौद्धिक और शारीरिक विकास प्रारंभ हो जाता है। इस नाजुक समय में रेडिएशन का असर और गहरा हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तंत्रिका तंत्र (nervous system) के सामान्य विकास को बाधित कर सकता है।

विशेषज्ञों की सलाह

  • गर्भवती महिलाएँ मोबाइल का इस्तेमाल कम करें।
  • फोन कॉल के दौरान स्पीकर मोड या इयरफोन का इस्तेमाल करें।
  • रात को मोबाइल पास रखकर सोने से बचें।
  • जहाँ संभव हो, मोबाइल की बजाय लैंडलाइन का उपयोग करें।

यह शोध हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि आधुनिक सुविधा और सेहत के बीच संतुलन जरूरी है। मोबाइल छोड़ना शायद संभव न हो, लेकिन सावधानी और संयम ही सबसे बड़ा बचाव है।