रविवार को मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी कड़ी प्रतिक्रियाएं दीं।
आरोपों का विवरण
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने मीडिया की एक खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि शिवसेना उम्मीदवार रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार ने 4 जून को मतगणना के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया, जो ईवीएम से छेड़छाड़ से संबंधित था।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। निर्वाचन क्षेत्र की अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने मीडिया रिपोर्ट को ‘झूठी खबर’ करार देते हुए कहा कि ईवीएम एक स्वतंत्र प्रणाली है और इसमें वायरलेस संचार स्थापित नहीं किया जा सकता। सूर्यवंशी ने संबंधित प्रकाशन को मानहानि का नोटिस भी जारी किया है।
विपक्ष के गंभीर आरोप
शिवसेना (यूबीटी) ने तीन मुख्य आरोप लगाए:
- मोबाइल फोन का इस्तेमाल: दावा किया गया है कि शिंदे सेना के उम्मीदवार के पोलिंग एजेंट ने मतगणना क्षेत्र के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया, जो नियमों के खिलाफ है।
- वीवीपीएटी मशीनों की जांच: यूबीटी सेना ने वीवीपीएटी मशीनों के तकनीकी निरीक्षण की मांग की है, लेकिन निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर ऐसी जांच के लिए कोई एसओपी नहीं है।
- एनईएससीओ केंद्र में अनियमितताएं: रिटर्निंग ऑफिसर पर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है और कहा गया है कि मतगणना के दिन कई स्तरों पर गड़बड़ी हुई।
एफआईआर और कानूनी कार्रवाई
वनराई पुलिस ने वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर पर 4 जून को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, जोगेश्वरी विधानसभा क्षेत्र के डेटा एंट्री ऑपरेटर का निजी मोबाइल फोन एक अनधिकृत व्यक्ति के पास पाया गया, जिस पर चुनाव आयोग की ओर से कार्रवाई की जा रही है।
राहुल गांधी और अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाते हुए ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए। उन्होंने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के एक पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें मस्क ने ईवीएम को हटाने की बात कही थी। मस्क ने कहा था, “हमें ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है।”
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए मांग की कि निर्वाचन आयोग उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन्होंने इस खबर को साझा करके ‘झूठ को बढ़ावा दिया’। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क के दावे का खंडन करते हुए कहा कि भारतीय ईवीएम सुरक्षित हैं और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से नहीं जुड़ी हैं।
निष्कर्ष
ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को लेकर उठा यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ईवीएम में किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है, लेकिन विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए सवालों ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।