नाक बंद होना: कारण, लक्षण और राहत के आसान तरीके

ठंडी हवा, एलर्जी या सर्दी–जुकाम के मौसम में नाक बंद होना आम परेशानी है। मेडिकल भाषा में इसे नासल कंजेशन कहा जाता है। जब नाक के अंदर की रक्तनलिकाएं सूज जाती हैं तो हवा का रास्ता संकरा हो जाता है और सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है।

क्यों होती है नाक बंद

सर्दी-जुकाम, साइनस इंफेक्शन, फ्लू, एलर्जी, धूल-मिट्टी, धुएं या तेज खुशबू जैसे कारण नाक के भीतर की झिल्ली को चिड़चिड़ा कर देते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था के हार्मोनल बदलाव, कुछ दवाएं या मौसम का अचानक बदलना भी कारण बन सकते हैं।

पहचानने के लक्षण

लगातार बंद नाक, सिर में भारीपन, गले में खराश, सूंघने की क्षमता में कमी और रात में नींद में खलल आम संकेत हैं। कभी-कभी आंखों में पानी आना या हल्का बुखार भी जुड़ सकता है।

घर पर राहत के उपाय

गर्म पानी की भाप लेना, सलाइन नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल, कमरे की नमी बनाए रखना और ज्यादा पानी पीना सबसे आसान तरीके हैं। धूम्रपान और तेज खुशबू से दूरी रखने से भी आराम मिलता है। छोटे बच्चों के लिए बल्ब सिरिंज से नाक की सफाई मददगार होती है।

डॉक्टर से कब मिलें

अगर नाक बंद रहना दस दिन से ज्यादा हो, तेज बुखार हो, आंखों या माथे में तेज दर्द हो या सांस लेने में गंभीर कठिनाई हो तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।

नाक बंद होना अक्सर मामूली समस्या है लेकिन बार-बार होने पर यह साइनसाइटिस जैसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। समय पर देखभाल और सही इलाज से इसे आसानी से काबू में रखा जा सकता है।