प्रमुख घटनाएँ और अद्यतन
NEET पेपर लीक का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया है और दो हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने NEET की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है।
छात्र विरोध प्रदर्शन और कानूनी कार्रवाइयाँ
NEET परीक्षा में गड़बड़ी के कारण देशभर के मेडिकल छात्र सड़क पर उतर आए हैं। कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई ने भी इस धांधली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर विरोध प्रदर्शन करने के कारण एनएसयूआई कार्यकर्ता हनी बग्गा, राज्यवर्धन और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री का आश्वासन
इस बवाल के बीच, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि सरकार परीक्षार्थियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी चिंताओं का निष्पक्षता और समानता के साथ समाधान किया जाएगा और किसी भी छात्र के करियर को खतरे में नहीं डाला जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि NEET परीक्षा से संबंधित तथ्य सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में हैं और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार छात्रों की भलाई के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने NEET पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग पर NTA को नोटिस जारी किया है और 8 जुलाई को इस मामले की सुनवाई तय की है। NTA ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी अनुरोध किया था कि देशभर के हाईकोर्ट में NEET परीक्षा 2024 के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को ट्रांसफर कर सुप्रीम कोर्ट में सुना जाए।
निष्कर्ष
NEET पेपर लीक का मामला गंभीर होता जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब सभी की निगाहें आने वाली सुनवाई पर हैं। सरकार और NTA पर छात्रों की चिंताओं को दूर करने और परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने का दबाव है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और छात्रों के भविष्य पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।