गाजा में नरसंहार, दिल्ली में ‘नरम-संहार’: भारत की चुप्पी पर कांग्रेस का वार
नयी दिल्ली, 14 जून — गाजा में ‘तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम’ की मांग वाले संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव पर भारत ने वोट नहीं डाला। कांग्रेस ने इसे “नैतिक कायरता” बताते हुए कहा कि जो सरकार युद्धविराम से डरती है, वह दुनिया को नैतिक दिशा नहीं दे सकती।
पार्टी ने पूछा कि छह महीने में ऐसा क्या बदल गया कि भारत फलस्तीन पर अटल बिहारी वाजपेयी का भी रुख छोड़ बैठा?पवन खेड़ा ने चुटकी ली—“कभी यासिर अराफात को बुलाने वाला भारत, आज तेल अवीव की तरफ देख कर चुप है। शायद नैतिकता अब तेल के साथ बिकती है।”
कांग्रेस ने कहा कि भारत की चुप्पी उसकी गुटनिरपेक्ष परंपरा और स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा का अपमान है।लेकिन भारत का जवाब सीधा है— “हमें मानवीय संकट की चिंता है, पर वोट? वो तो सोच समझकर नहीं डाला!”
संक्षेप में, भारत अब ‘रणनीतिक चुप्पी’ के युग में है— जहाँ वोटिंग नहीं, सिर्फ ‘वेटिंग’ होती है।