भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता का नया मोड़ — क्या हटेंगे ‘नॉन-टैरिफ बैरियर्स’?

इस समय भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर उच्च स्तर की बातचीत चल रही है। इसी बीच अमेरिका ने एक नई और अहम मांग सामने रखी है — भारत अपने नॉन-टैरिफ बैरियर्स को या तो पूरी तरह हटा दे या कम से कम उनमें उल्लेखनीय कमी करे।

यह मांग ऐसे समय आई है जब डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में अमेरिका फिर से प्रोटेक्शनिस्ट नीति की ओर झुक रहा है और चाहता है कि अमेरिकी उत्पादों को भारत में निर्बाध प्रवेश मिले।


नॉन-टैरिफ बैरियर क्या होता है?

सीधे शब्दों में कहें, तो:

  • टैरिफ का मतलब होता है आयात पर लगाया गया कर
  • नॉन-टैरिफ बैरियर्स वे नीतिगत, तकनीकी या प्रशासनिक रुकावटें होती हैं जो विदेशी सामान के आयात को सीमित या महंगा बना देती हैं, बिना सीधे कर लगाए

📌 उदाहरण:

  • क्वालिटी सर्टिफिकेशन की बाधाएं
  • स्ट्रिक्ट लेबलिंग नियम
  • लिमिटेड लाइसेंस जारी करना
  • डेटा लोकलाइजेशन पॉलिसी
  • टेस्टिंग मानक, जो केवल घरेलू कंपनियों को ही सूट करें

🇺🇸 अमेरिका की प्रमुख मांगें:

  1. ई-कॉमर्स नियमों में ढील – सीधा फायदा Amazon और Walmart को
  2. डेटा लोकलाइजेशन नियम आसान हों
  3. डेयरी, एग्रीकल्चर और मेडिकल डिवाइस में अमेरिकी कंपनियों को भारत में एंट्री मिले
  4. लाइसेंसिंग और टेस्टिंग प्रक्रिया को आसान बनाया जाए

🇮🇳 भारत की चिंताएं और जवाब:

भारत कह रहा है कि:

  • हम बातचीत के लिए तैयार हैं
  • लेकिन अपने लोकल MSME और कृषि सेक्टर को बिना सुरक्षा के नहीं छोड़ सकते
  • हम पहले ही कुछ टैरिफ में राहत दे चुके हैं (जैसे इलेक्ट्रॉनिक इनपुट्स, एलएनजी)
  • अमेरिका के डिफेंस कंपनियों को भारत में एक्सेस देने पर भी चर्चा चल रही है

🔁 भारत की पलट मांगें:

  1. GSP लाभ वापस दिया जाए, जिसे ट्रंप ने 2019 में हटाया था
  2. H-1B वीज़ा नियम आसान हों
  3. भारतीय फूड और मेडिकल प्रोडक्ट्स के लिए US में स्टैंडर्ड्स में राहत मिले

🌏 जियोपॉलिटिकल नजरिया: अमेरिका क्या चाहता है?

  • अमेरिका अब चीन से सप्लाई चेन हटाकर भारत जैसे ‘ट्रस्टेड पार्टनर’ की तरफ देख रहा है
  • इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक गठबंधन (जैसे क्वाड) को आर्थिक आधार देने की भी कोशिश हो रही है

🚨 क्या होगा अगर भारत ने इनकार किया?

  • अमेरिका अतिरिक्त टैरिफ लगा सकता है
  • IT और बायोटेक कंपनियों पर असर होगा
  • अमेरिकी निवेशक भारत से दूरी बना सकते हैं

📊 भारत-अमेरिका व्यापार की स्थिति (2024 के आंकड़ों के अनुसार):

  • कुल द्विपक्षीय व्यापार: 118 बिलियन डॉलर
  • भारत के पक्ष में ट्रेड सरप्लस: ~40 बिलियन डॉलर
  • भारत के प्रमुख निर्यात: फार्मा, टेक्सटाइल, ज्वेलरी, IT सेवाएं
  • अमेरिका से आयात: ऑयल, डिफेंस इक्विपमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स

🔚 निष्कर्ष:

अमेरिका चाहता है – खुला बाजार। भारत कहता है – संरक्षण के साथ संतुलन।

आने वाले महीनों में यही बातचीत तय करेगी कि क्या दोनों देश $500 बिलियन ट्रेड टारगेट तक पहुंच पाएंगे, और क्या भारत पहला बड़ा देश बन पाएगा जो ट्रंप के साथ नया ट्रेड डील करेगा?