नीति आयोग बैठक : INDI गठबंधन का बहिष्कार

बैठक का स्थान और समय

देश की राजधानी दिल्ली में आज सुबह 10 बजे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक को लेकर राजनीतिक गरमा-गरमी अपने चरम पर है।

कांग्रेस शासित राज्यों का बहिष्कार

कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय बजट को राज्यों के खिलाफ बताते हुए इस बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी इस बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।

ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया

हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुकी हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि वह बैठक में बंगाल की समस्याओं और जरूरतों को रखेंगी, लेकिन अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो वह मीटिंग बीच में ही छोड़कर बाहर निकल जाएंगी। उन्होंने नीति आयोग को भंग करने की मांग की और योजना आयोग को पुनः स्थापित करने का समर्थन किया।

ममता बनर्जी की दिल्ली में सक्रियता

दिल्ली पहुंचने के बाद ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के साथ मीटिंग की और फिर अरविंद केजरीवाल के घर जाकर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल से भी मिलीं। उन्होंने नीति आयोग की मीटिंग के बारे में कहा कि इसके पास कोई वित्तीय अधिकार नहीं है और यह सिर्फ साल में एक बार बैठक बुलाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।

अन्य मुख्यमंत्री

INDI गठबंधन के एक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी आज की बैठक में शामिल होंगे। बैठक के एजेंडा में ‘विकसित भारत @ 2047’ दस्तावेज पर चर्चा, पेयजल की पहुंच, बिजली की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सेवा की पहुंच और गुणवत्ता, स्कूली शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता, भूमि और संपत्ति की पहुंच, रजिस्ट्री और डिजिटलाइजेशन शामिल हैं।

BJP एवं NDA शासित राज्यों की सहभागिता

वहीं, भाजपा और NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक में हिस्सा लेंगे।

निष्कर्ष

नीति आयोग की इस बैठक को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। जहां एक ओर कुछ मुख्यमंत्री इसका बहिष्कार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई मुख्यमंत्री इसमें हिस्सा लेकर अपनी राय व्यक्त करेंगे। अब देखना होगा कि इस बैठक से क्या निष्कर्ष निकलता है और देश की विकास की दिशा में कौन से नए कदम उठाए जाते हैं।

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