हिमाचल प्रदेश की सरकार ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर एक बड़ा कदम उठाते हुए, राज्य के सभी स्ट्रीट वेंडर्स और खाने-पीने की दुकानों के मालिकों और कर्मचारियों के नामों को प्रमुखता से प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश राज्य में स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, ताकि लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन उपलब्ध हो सके।
नए नियम क्या हैं?
हिमाचल प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है कि सभी खाद्य प्रतिष्ठानों के मालिकों और कर्मचारियों के नाम उनकी दुकानों के बाहर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होने चाहिए। यह कदम उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जहां पहले से ही ऐसी व्यवस्था लागू है। इस कदम का उद्देश्य खाद्य प्रतिष्ठानों में स्वच्छता बनाए रखना और ग्राहकों को गुणवत्ता युक्त भोजन की आपूर्ति करना है।
नियमों का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस प्रकार के नियम लागू करते हुए कहा था कि इससे न केवल स्वच्छता बढ़ेगी, बल्कि खाद्य विक्रेताओं की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित होगी। हिमाचल सरकार का भी यही मानना है कि इन नियमों से राज्य के नागरिकों को बेहतर गुणवत्ता का भोजन मिलेगा और खाद्य प्रतिष्ठानों में पारदर्शिता आएगी।
स्थानीय लोगों को प्राथमिकता
हिमाचल के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि स्थानीय निवासियों को खाद्य विक्रेता लाइसेंस में प्राथमिकता दी जाएगी। विशेष रूप से दलित और विकलांग वर्गों के लिए आरक्षण पर भी विचार किया जा रहा है। यह कदम स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सीसीटीवी अनिवार्य
इन नियमों के तहत होटलों और रेस्तरां में सीसीटीवी कैमरे भी अनिवार्य कर दिए गए हैं, ताकि निगरानी की जा सके और किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सके। यूपी में इस नियम के लागू होने के बाद, हिमाचल में भी इसे प्रभावी ढंग से लागू करने की योजना बनाई गई है।
सरकार का रुख
विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार खाद्य विक्रेताओं के लिए सख्त मानक स्थापित करना चाहती है, ताकि आम जनता को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन उपलब्ध हो सके। यदि किसी खाद्य प्रतिष्ठान में अनियमितता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नए नियमों का स्वागत
कई स्थानीय लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे न केवल स्वच्छता में सुधार होगा, बल्कि खाद्य विक्रेताओं की जवाबदेही भी बढ़ेगी।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में यह नया आदेश राज्य की खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की मंशा है कि राज्य के सभी नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन मिले, और इन नियमों से इस उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।