Guru Purnima के पावन अवसर पर New Jersey में हुआ भक्ति और साधना का महासंगम


विदेश में भारतीय संस्कृति और गुरु परंपरा की जड़ों को जीवित रखते हुए न्यू जर्सी में तीन दिवसीय Guru Purnima महोत्सव का आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस आयोजन में बापू आशारामजी के श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भक्ति, साधना एवं सेवा के माध्यम से गुरु चरणों में अपनी आस्था प्रकट की ।

भारत से हजारों मील दूर, फिर भी भावनात्मक जुड़ाव

यह आयोजन एक ऐसे आध्यात्मिक संत की प्रेरणा से हुआ, जिनका मार्गदर्शन आज भी देश-विदेश के लाखों लोगों को जीवन में संयम, साधना और संतुलन की ओर प्रेरित कर रहा है।
हालांकि उनका नाम सीधे नहीं लिया गया, लेकिन उपस्थित श्रद्धालुओं ने उनके योगदान को भावपूर्वक स्मरण किया।

✅ Outbound Link :

https://youtu.be/1GSsNOWddf8?si=aNY-Kyc5I_C7Nw6q


🔹 प्रमुख आयोजन गतिविधियाँ:

  • मानस पूजन: भारतीय परंपरा के अनुरूप वैदिक विधि से आयोजन की शुरुआत
  • ध्यान और जप: आंतरिक शांति व मानसिक संतुलन के लिए सामूहिक ध्यान
  • भजन-कीर्तन: भक्तिरस में डूबे सुंदर गायन, जिससे वातावरण आध्यात्मिक हुआ
  • सत्संग: गुरु वाणी से जीवन जीने की प्रेरणा
  • सेवा कार्य: आयोजन स्थल की सफाई, भोजन वितरण, अनुशासनिक सहयोग आदि

🌐 ग्लोबल स्तर पर भारतीय अध्यात्म की उपस्थिति

कार्यक्रम में न्यू जर्सी के अलावा न्यू यॉर्क, पेनसिलवेनिया, टोरंटो और टेक्सास से भी श्रद्धालु पहुंचे।
यह स्पष्ट करता है कि भारतीय गुरु परंपरा केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि वह अब एक वैश्विक सांस्कृतिक शक्ति बन चुकी है।


🗣️ आयोजकों ने क्या कहा?

आयोजन समिति के एक सदस्य ने कहा:

“गुरु केवल व्यक्ति नहीं होते—वो चेतना होते हैं। उनका मार्गदर्शन आज भी हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, चाहे हम दुनिया के किसी भी कोने में हों।”


न्यू जर्सी में संपन्न यह Guru Purnima आयोजन सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं था, बल्कि संस्कृति, चेतना और सामूहिक ऊर्जा का पर्व था।
यह दिखाता है कि जब गुरु की प्रेरणा हो, तो देश, भाषा या भौगोलिक दूरी कोई मायने नहीं रखती।