नई दिल्ली, 30 जुलाई 2025: लोकसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को लेकर पीएम मोदी को खुली चुनौती दी, जिसमें ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया और भारतीय विमान गिरने से रोके। राहुल ने कहा, “अगर मोदी जी में 50% भी इंदिरा गांधी जितना दम है, तो संसद में साफ़ कहें – डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं! कह दें कि न उन्होंने युद्धविराम कराया और न ही हमारे कोई विमान गिरे। सेना को अपनी छवि बचाने का ज़रिया मत बनाइए, मोदी जी!”
ऑपरेशन सिंदूर और विदेश नीति पर सवाल
राहुल गांधी ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार की रणनीति पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने भारतीय वायुसेना को पूरी स्वतंत्रता नहीं दी और महज 22 मिनट में पाकिस्तान को सूचित कर दिया कि भारत युद्ध नहीं चाहता। उन्होंने इसे “35 मिनट में सरेंडर” करार दिया और कहा कि यह सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दर्शाता है।
राहुल ने 1971 के युद्ध का हवाला देते हुए कहा, “इंदिरा गांधी ने जनरल सैम मानेकशॉ को पूरी छूट दी थी। परिणामस्वरूप, एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश बना। लेकिन आज की सरकार सेना को बांधकर रख रही है।” उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा पीएम मोदी की छवि चमकाना था।
पहलगाम हमले और पाकिस्तान की भूमिका
राहुल ने पहलगाम आतंकी हमले को “पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित और सुनियोजित” करार दिया। उन्होंने कहा कि इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी जनरल आसिम मुनीर था, जिसे ट्रंप ने व्हाइट हाउस में लंच पर बुलाया। राहुल ने सवाल उठाया, “प्रधानमंत्री ने ट्रंप से यह क्यों नहीं पूछा कि उन्होंने मुनीर से मुलाकात क्यों की?” उन्होंने सरकार की चुप्पी को विदेश नीति की विफलता बताया और कहा कि कोई भी इस्लामिक देश ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की निंदा नहीं की।
चीन की भूमिका पर भी निशाना
राहुल ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन से युद्ध की लाइव जानकारी मिल रही थी। उन्होंने कहा, “पूरा देश जानता है कि चीन ने पाकिस्तान की मदद की, लेकिन पीएम और रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया।” यह टिप्पणी भारत की विदेश नीति पर गंभीर सवाल उठाती है।
विपक्ष का समर्थन, सरकार पर हमला
राहुल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने सेना और सरकार के साथ “चट्टान की तरह” खड़े रहने का फैसला किया था। उन्होंने कहा, “हमने BJP नेताओं के व्यंग्यात्मक तानों को सहा, लेकिन एक शब्द नहीं कहा। हमें गर्व है कि हम एकजुट रहे।” हालांकि, उन्होंने सरकार पर सेना का इस्तेमाल अपनी छवि चमकाने के लिए करने का आरोप लगाया।