नई दिल्ली/मॉस्को/वियना – दुनियाभर की नजरें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी मुलाकात पर टिकी हैं। 16 सितंबर 2022 को एससीओ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है। यूक्रेन युद्ध के बीच इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष ध्यान खींचा था।
रूस यात्रा: रक्षा और ऊर्जा पर केंद्रित बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी 8 और 9 जुलाई को रूस की यात्रा पर होंगे, जहां वे राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि व्यापार असंतुलन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। यह प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन युद्ध के बाद पहली रूस यात्रा होगी। इस यात्रा का उद्देश्य मॉस्को और बीजिंग के बीच बढ़ती करीबी को देखते हुए भारत-रूस के रिश्ते की अहमियत को दिखाना और पश्चिमी देशों के साथ संबंधों को संतुलित करना है।
ऑस्ट्रिया यात्रा: 75 साल के राजनयिक संबंधों का जश्न
रूस की यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी 9 और 10 जुलाई को ऑस्ट्रिया जाएंगे। यह चार दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी। इस दौरान वे ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन और चांसलर कार्ल नेहमर से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना और सहयोग के नए रास्ते तलाशना है।
ऑस्ट्रिया के चांसलर की प्रतिक्रिया
चांसलर कार्ल नेहमर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के प्रधानमंत्री का वियना में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने लिखा, “यह यात्रा एक विशेष सम्मान है क्योंकि यह 40 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा है।”
व्यापारिक और सामुदायिक जुड़ाव
प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर नेहमर भारत-ऑस्ट्रिया के शीर्ष उद्यमियों की बैठक को भी संबोधित करेंगे। इसके साथ ही मोदी वियना में भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत करेंगे। यह दौरा भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हो रहा है।
विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों का मानना है कि इस दौरे का उद्देश्य मॉस्को और बीजिंग के बीच बढ़ती करीबी को देखते हुए भारत-रूस के रिश्ते की अहमियत को दर्शाना और पश्चिमी देशों के साथ संबंधों को संतुलित करना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यापार पर सीधी बातचीत करने का शानदार अवसर है।
समापन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह दौरे अंतरराष्ट्रीय राजनयिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। रूस और ऑस्ट्रिया के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने के साथ ही यह दौरा वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा। पुतिन-मोदी मुलाकात और ऑस्ट्रिया यात्रा के नतीजे आने वाले समय में देखने लायक होंगे।