पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा: नई उम्मीद की किरण

पीएम मोदी का कीव दौरा

लोकसभा चुनाव में जीत के बाद, पीएम नरेंद्र मोदी को उनके तीसरे कार्यकाल के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने बधाई दी थी और युद्धग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने के लिए आमंत्रित भी किया था। अब, प्रधानमंत्री मोदी अगले महीने पहली बार कीव जाने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक, उनका दौरा यूक्रेन के खार कीव क्षेत्र में होगा।

जी7 शिखर सम्मेलन के बाद दौरा

पीएम मोदी का यह दौरा इटली में हुए जी7 शिखर सम्मेलन के एक महीने बाद हो रहा है, जहां उनकी मुलाकात यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से हुई थी। दोनों नेताओं ने मुलाकात के दौरान गले मिलकर गर्मजोशी से स्वागत किया था।

भारत-यूक्रेन साझेदारी

इस साल मार्च में पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिसमें दोनों देशों की साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने चल रहे संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया था। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है और अपनी क्षमता के मुताबिक हर संभव कोशिश करता रहेगा।

भारत का रुख

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समस्या का समाधान करने की वकालत करता रहा है। पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान भी इस बात पर जोर दिया था कि युद्ध के मैदान में हिंसा का कोई समाधान नहीं है। उन्होंने कहा था कि भारत हमेशा क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता समेत संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता है, और आगे बढ़ने का रास्ता सिर्फ बातचीत और कूटनीति ही है।

शांति के प्रयास

भारत ने हमेशा शांति के प्रयासों में योगदान देने के लिए अपनी तत्परता दिखाई है। पीएम मोदी के इस दौरे से यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष में शांति के लिए एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।

निष्कर्ष

पीएम मोदी का यह दौरा न केवल भारत-यूक्रेन के रिश्तों को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक शांति प्रयासों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सभी की निगाहें अब इस दौरे पर टिकी हैं, जिससे आने वाले समय में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।

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