अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, लेकिन उनके लिए समर्थन सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि भारत के एक छोटे से गांव में भी दिखाई दे रहा है। थुलासेंद्रपुरम, तमिलनाडु का यह गांव, जो चेन्नई से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित है, कमला हैरिस के नाना पीवी गोपालन का पैतृक स्थान है। अब यह गांव एक बार फिर से अपनी महान बेटी की सफलता के लिए प्रार्थनाओं, बैनरों, और मिठाइयों के माध्यम से चर्चा में है।
कमला हैरिस के समर्थन में गांव के विशेष दृश्य
थुलासेंद्रपुरम में गांव के बीचोंबीच एक बड़ा-सा बैनर लगाया गया है, जिसमें कमला हैरिस को समर्थन दिया जा रहा है। गांव के लोग गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाएं कर रहे हैं और उनकी जीत के लिए स्थानीय देवताओं से प्रार्थनाएं की जा रही हैं। अमेरिका से हजारों किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में लोगों के चेहरे पर गर्व और उत्साह देखने को मिलता है। गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, गांव में मिठाइयां बांटकर भी लोग अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं।
गांव के लोगों का गर्व और प्रेरणा
स्थानीय राजनेता एम मुरुकानंदन का कहना है, “चुनाव में जीत हो या हार, यह मायने नहीं रखता। हमारे लिए खास यह है कि वह इस ऐतिहासिक चुनाव में हिस्सा ले रही हैं, जो हमारे गांव के लिए एक गर्व का विषय है।” गांव के बुजुर्ग और सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक एन कृष्णमूर्ति कहते हैं, “कमला हैरिस ने हमारे गांव को गौरव दिलाया है। इस छोटे से गांव को विश्व भर में पहचान दी है, और हमें उन पर गर्व है।”
19 वर्षीय छात्रा मधुमिता, जो कमला हैरिस से प्रेरणा लेती हैं, कहती हैं, “वह हमारे लिए एक आदर्श हैं।” ग्रामीण महिलाएं भी उनके नारी सशक्तिकरण के योगदान पर गर्व महसूस करती हैं। उनके साहस और उपलब्धियों से यह गांव उत्साहित है, और यहां की महिलाएं उनमें अपनी उम्मीदें देखती हैं।
पैतृक गांव में कमला हैरिस की उपस्थिति
कमला हैरिस का गांव से जुड़ाव गहरा है, हालांकि वह उपराष्ट्रपति बनने के बाद से यहां नहीं आईं हैं। 2009 में वह चेन्नई आई थीं, जब उन्होंने अपनी मां की अस्थियां विसर्जित की थीं। लेकिन उनकी उपस्थिति आज भी गांव में दुकानों और घरों पर लगे पोस्टरों और बैनरों से महसूस की जा सकती है। स्काई न्यूज के अनुसार, गांव के एक मंदिर के पास प्रमुखता से लगे एक बैनर में उन्हें “गांव की महान बेटी” कहा गया है।
कमला हैरिस का पैतृक संबंध
थुलासेंद्रपुरम में उनके परिवार का कोई रिश्तेदार अब नहीं रहता, लेकिन उनके नाम को गांव में आदर के साथ संजोया गया है। 300 साल पुराने मंदिर में उनके परिवार के नाम की एक पट्टिका लगी है, जिसमें एक रिश्तेदार द्वारा उनके नाम पर 5,000 रुपये का दान दिया गया था।
निष्कर्ष
कमला हैरिस के लिए यह गांव सिर्फ एक जगह नहीं है, बल्कि एक ऐसी धरती है जिसने उनकी भारतीय जड़ों को संजोया है। जैसे-जैसे अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव करीब आता है, वैसे-वैसे थुलासेंद्रपुरम में कमला हैरिस की सफलता की उम्मीदें और प्रार्थनाएं भी बढ़ रही हैं। यहां के लोग अपने गांव की महान बेटी के लिए शुभकामनाएं भेज रहे हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं कि उनकी छोटी सी जगह भी वैश्विक इतिहास का हिस्सा बन रही है।