Prithviraj chavan का ‘सनातनी आतंक’ बयान बना सियासी बवाल का कारण, सनातन संस्था ने भेजा ₹10 करोड़ का मानहानि नोटिस
तारीख: 7 अगस्त 2025
मुंबई/नई दिल्ली:
पूर्व महाराष्ट्र मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता Prithviraj chavan ने 2006 मालेगांव ब्लास्ट केस के फैसले के बाद एक बयान में सनातन संस्था को “आतंकी संगठन” करार देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। कोर्ट के फैसले में सभी सात आरोपी बरी हो गए, जिनमें बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित भी शामिल थे।
🧨 क्या कहा प्रथ्वीराज चव्हाण ने?
चव्हाण ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि भगवा रंग हमारे देश में छत्रपति शिवाजी महाराज, वarkari संप्रदाय, संत तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर जैसे महान संतों का प्रतीक है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसकी जगह “सनातनी आतंकवाद” या “हिंदू आतंकवाद” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाए क्योंकि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।
🔥 राजनीतिक गलियारों में मचा हड़कंप
उनके इस बयान के बाद भाजपा और शिवसेना दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। मुंबई में कांग्रेस कार्यालय ‘तिलक भवन’ के बाहर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया और बयान को वापस लेने तथा माफी की मांग की।
⚖️ सनातन संस्था का पलटवार: मानहानि नोटिस भेजा
सनातन संस्था ने चव्हाण के खिलाफ ₹10 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजते हुए उनके बयान को झूठा, आधारहीन और भ्रामक बताया। संस्था के ट्रस्टी वीरेन्द्र माराठे और अधिवक्ता रामदास केसारकर के माध्यम से भेजे गए नोटिस में मांग की गई है कि:
- चव्हाण 15 दिनों के भीतर बिना शर्त माफी मांगें,
- वही माफीनामा समान स्तर की प्रमुखता के साथ प्रकाशित करें,
- भविष्य में ऐसा कोई बयान न दें,
- ₹10,000 कोर्ट फीस के रूप में जमा करें।
संस्था ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे कानूनी कार्यवाही को आगे बढ़ाएंगे। उनका दावा है कि चव्हाण के बयान से लाखों सनातन धर्म प्रेमियों की भावनाएं आहत हुई हैं।
🧾 मुख्य बिंदु संक्षेप में:
मुद्दा | विवरण |
---|---|
विवादित बयान | भगवा आतंक नहीं, इसे सनातनी या हिंदू आतंक कहो — चव्हाण का सुझाव। |
राजनीतिक प्रतिक्रिया | भाजपा-शिवसेना ने विरोध किया, कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन। |
कानूनी कार्रवाई | सनातन संस्था ने ₹10 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा, माफी की मांग की। |
📌 क्या आगे होगा?
अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि प्रथ्वीराज चव्हाण माफी मांगते हैं या कानूनी लड़ाई का सामना करते हैं। यह मामला केवल एक राजनीतिक बयान भर नहीं, बल्कि धार्मिक और वैचारिक शब्दों की संवेदनशीलता से जुड़ा है।
अगर आप चाहें तो मैं आपको मालेगांव ब्लास्ट केस का विस्तृत विवरण, “भगवा आतंकवाद” शब्द की पृष्ठभूमि, या विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रियाएं भी उपलब्ध करा सकता हूँ।