मनोशारीरिक रोग

डॉ दुसाने मधुबन होमिओपॅथी

आजकल जितनी भी मानसिक-शारीरिक बीमारियाँ सामने आ रही हैं, उनमें सबसे प्रमुख कारण जो सामने आता है वह है नफरत (घृणा), लगातार निंदा की प्रवृत्ति, बदले की भावना और एक-दूसरे से अत्यधिक (शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आर्थिक) प्रतिस्पर्धा। .
प्रिय रोगियों, ये भावनाएँ विनाशकारी हैं और समान रूप से विनाशकारी विकृतियाँ भी पैदा करती हैं। अत: आप अपने आचरण, विचार और व्यवहार में सात्विकता बनाए रखते हुए सभी प्रकार से विकसित हों, सभी प्रकार से उन्नत और समृद्ध रहें, परंतु उपरोक्त भावना किसी के साथ न रखें। सभी के प्रति हमेशा दया, प्रेम, करुणा और करुणा दिखाकर हम वास्तव में अमीर बन सकते हैं। अन्यथा हमारा धन निरर्थक और जीवन-घातक हो जायेगा। हर कोई खुश है हर कोई अच्छा है! पारस्परिकता हमारी संस्कृति है और यही सर्वांगीण प्रगति का मार्ग है।

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