पुणे कार दुर्घटना मामले में 1 जून को नाबालिग की मां शिवानी अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया, जबकि पिता विशाल अग्रवाल को यरवदा जेल से हिरासत में लिया गया। दोनों को पुणे की जिला अदालत ने 5 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इन्हें नाबालिग के खून के नमूनों से कथित छेड़छाड़ के मामले में हिरासत में लिया गया है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
दुर्घटना का विवरण
19 मई को पुणे में एक तेज गति से जा रही कार ने बाइक को टक्कर मार दी, जिसमें दो इंजीनियर्स की जान चली गई थी। हादसे के वक्त कार नाबालिग चला रहा था, जो घटना से पहले एक बार में शराब पीते हुए देखा गया था। माना जा रहा है कि हादसे के वक्त वह नशे में था।
छेड़छाड़ का खुलासा
जांच में पाया गया कि नाबालिग की मां के खून के नमूने से नाबालिग के खून के नमूने को बदला गया। इस साजिश में नाबालिग के माता-पिता ने ससून अस्पताल के डॉक्टर तावड़े के साथ मिलकर यह कार्य किया। पुलिस ने इस मामले में माता-पिता को रविवार को जिला अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें रिमांड पर भेजने का आदेश दिया गया।
आरोप और गिरफ्तारी
दोनों पर सबूत मिटाने का आरोप है और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 201 के तहत मामला दर्ज किया गया है। नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को भी ड्राइवर को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने लड़के के पिता पर बिना वैध लाइसेंस के नाबालिग को कार चलाने की अनुमति देने का मामला भी दर्ज किया है। इस दुर्घटना में दूसरा मामला सबूत मिटाने का और तीसरा मामला ड्राइवर को गलत तरीके से बंधक बनाने और उसे दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने के लिए मजबूर करने से जुड़ा है।