पुरी का प्रसिद्ध रत्न भंडार आज फिर से खोला जाएगा। आंतरिक कक्ष गुरुवार को सुबह 9:51 बजे से दोपहर 12:15 बजे के बीच पुनः खोला जाएगा। इस दौरान भक्तों के लिए मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने यह जानकारी दी है।
रत्न भंडार में रखे कीमती आभूषणों को मंदिर के अस्थायी कोषागार में स्थानांतरित किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षण कार्य के लिए यह स्थानांतरण आवश्यक था। इससे पहले, कीमती वस्तुओं की सूची तैयार करने और उनकी संरचना की मरम्मत के लिए, 46 साल बाद 14 जुलाई को रत्न भंडार खोला गया था।
एसजेटीए के मुख्य प्रशासक, अरबिंद पाधी, और राज्य सरकार की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक समिति के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ, पुरी के जिलाधिकारी, और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया था।
ओडिशा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में रत्न भंडार का मुद्दा बड़ा राजनीतिक विषय बन गया था। भाजपा ने बीजू जनता दल (बीजद) पर इसकी खोई हुई चाबियों को लेकर निशाना साधा था और वादा किया था कि चुनाव जीतने पर रत्न भंडार को पुनः खोलने का प्रयास करेगी।
रत्न भंडार के आभूषण और अन्य मूल्यवान वस्तुओं को लकड़ी के संदूकों में बंद कर अस्थायी सुरक्षित कमरे में रखा जाएगा। सूची तैयार करने का कार्य मूल्यांकनकर्ताओं, सुनारों, और अन्य विशेषज्ञों की नियुक्ति के बाद ही किया जाएगा। एसजेटीए का प्रमुख उद्देश्य रत्न भंडार की मरम्मत करना है। मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद कीमती सामानों को वापस लाया जाएगा और फिर सूची तैयार की जाएगी।