ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म PwC ने एशिया–पैसिफिक क्षेत्र में 1500 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला लिया है। कंपनी ने पुष्टि की कि यह कदम लागत घटाने और बदलते कारोबारी माहौल के दबाव के कारण उठाया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक छंटनी का सबसे ज्यादा असर चीन और हॉन्ग कॉन्ग की टीमों पर पड़ा है। इन बाजारों में पिछले कुछ समय से डील्स और प्रोजेक्ट्स में गिरावट देखी जा रही थी। कंपनी ने कहा कि मुनाफे को संतुलित रखने और भविष्य की रणनीति के लिए टीमों को छोटा करना जरूरी था।
कर्मचारियों को नोटिस पीरियड और सेवरेंस पैकेज दिए जा रहे हैं। फिलहाल भारत में PwC की टीम पर इस छंटनी का सीधा असर नहीं बताया गया है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि कंसल्टिंग सेक्टर में मांग घटने का दबाव कई देशों में दिख सकता है।
उद्योग जगत इसे एक चेतावनी मान रहा है कि मंदी का असर अब बड़े पेशेवर सेवा प्रदाताओं तक पहुंच चुका है। जानकारों का कहना है कि टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप फंडिंग और डील मेकिंग की सुस्ती से आने वाले महीनों में ऐसी खबरें और सुनने को मिल सकती हैं।