नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस बार केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली दो लोकसभा सीटों से चुनाव जीत गए हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने देशभर में अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसके चलते संसद में उन्हें विपक्ष के नेता बनाए जाने की संभावना है। केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए नरेंद्र मोदी रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
इधर, कांग्रेस खेमे में भी हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी इस बार मजबूत विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभाने वाली है। शनिवार शाम को लोकसभा और राज्यसभा के पार्टी सांसदों की बैठक होगी। इस बैठक में सोनिया गांधी को कांग्रेस संसदीय दल (CPP) का फिर से अध्यक्ष चुना जा सकता है। साथ ही इस बैठक में पार्टी नेता राहुल गांधी को प्रमुख भूमिका सौंपने की मांग उठ सकती है।
राहुल गांधी ने इस बार केरल की वायनाड और रायबरेली दोनों ही सीटों से लोकसभा का चुनाव जीता है। संसद में राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनाने के लिए आज शाम कांग्रेस की होने वाली मीटिंग में केसी वेणुगोपाल, मणिकम टैगोर और गौरव गोगोई सहित पार्टी सांसदों द्वारा यह मांग उठाए जाने की उम्मीद है। लोकसभा में कांग्रेस का नेता सदन में विपक्ष का नेता भी होगा, क्योंकि पार्टी ने लोकसभा चुनावों में विपक्षी पार्टियों में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह सोनिया गांधी पर निर्भर करेगा कि वह लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में राहुल गांधी के नाम का फैसला करती हैं या किसी अन्य नेता का चयन करती हैं। इस मुद्दे पर अभी कोई निर्णय होने की उम्मीद कम है। कांग्रेस की सीनियर नेता सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बाद में प्रेस रिलीज के माध्यम से इस पर अपनी राय रख सकते हैं।
सोनिया गांधी अभी राज्यसभा की सदस्य हैं और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक आज सुबह होगी, जिसमें लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की सराहना की जाएगी। पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया जा सकता है।
पार्टी ने पिछले दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में क्रमशः 44 और 52 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार कांग्रेस ने 99 लोकसभा सीटें जीती हैं।
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