राजस्थान के ऊर्जा राज्य मंत्री हीरा लाल नागर ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले पांच वर्षों में राज्य में ऊर्जा क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि ग्रिड और पारेषण व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से 1,000 मेगावाट की रूफटॉप (छत वाली) सौर परियोजनाओं की निविदाओं के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
मंत्री ने ‘इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया’ द्वारा आयोजित ‘रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया (आरईआई) एक्सपो-2024’ में मीडिया से बात करते हुए यह टिप्पणी की।
नागर ने कहा, “राजस्थान ने अपनी भौगोलिक चुनौतियों को ऊर्जा के वरदान में बदल दिया है। फिलहाल हम 20,000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करते हैं, जिसमें से केवल 5,000 मेगावाट का उपयोग स्थानीय स्तर पर किया जाता है, जबकि शेष की आपूर्ति पूरे देश में की जाती है। इसके अलावा, हमने इसे और आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, जिसके तहत अगले चार-पांच साल में ऊर्जा क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये निवेश आने की उम्मीद है।”
मध्यप्रदेश सरकार के ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य में 600 मेगावाट सौर और 880 मेगावाट घंटे की बैटरी परियोजनाओं के लिए निविदाएं जारी कर दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर ऊर्जा मांग में बिजली की हिस्सेदारी 2050 तक 20 प्रतिशत से बढ़कर 31 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है और शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन परिदृश्य में इसे 50 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए।
श्रीवास्तव ने कहा, “… सौर ऊर्जा अब भारत के ऊर्जा के स्रोत का मुख्य हिस्सा बन गई है, इसलिए आर्थिक वृद्धि को गति देने और ऊर्जा स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भंडारण को एकीकृत करना आवश्यक है।”