राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रशासन में महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ: अजीत डोभाल और पीके मिश्रा

नई दिल्ली: सरकार ने महत्वपूर्ण प्रशासनिक और सुरक्षा से संबंधित पदों पर प्रमुख नियुक्तियों की घोषणा की है। अजीत डोभाल को तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के पद पर नियुक्त किया गया है, जबकि पीके मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव बने रहेंगे।

अजीत डोभाल का तीसरा कार्यकाल

अजीत डोभाल को 2014 में पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था और 2019 में उनके कार्यकाल को बरकरार रखा गया। अब, यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा। डोभाल 1968 में केरल कैडर से आईपीएस में चुने गए थे और मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय रहे हैं। उनका करियर कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों से भरा रहा है, जिसमें मिजो एकॉर्ड और ऑपरेशन ब्लैक थंडर प्रमुख हैं। 1984 के दंगों के समय वे पाकिस्तान में जासूस के रूप में तैनात थे और उन्होंने स्वर्ण मंदिर में आतंकवादियों के साथ रहकर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई थी। उनके नेतृत्व में एनएसजी का ऑपरेशन सफल रहा था, जिसके लिए उन्हें कार्ति चक्र से नवाजा गया था।

पीके मिश्रा की निरंतरता

पीके मिश्रा का पूरा नाम प्रमोद कुमार मिश्रा है। वे 1972 बैच के गुजरात कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। मिश्रा ने 2001-2004 के दौरान नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में भी काम किया है, जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। प्रधानमंत्री कार्यालय में उनकी निरंतरता का निर्णय उनकी अनुभव और दक्षता को दर्शाता है।

कैबिनेट मंत्री का दर्जा

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अजीत डोभाल और पीके मिश्रा दोनों को उनके कार्यकाल के दौरान वरीयता तालिका में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। यह निर्णय उनके कार्यों और योगदानों की मान्यता को दर्शाता है।

इन नियुक्तियों से यह स्पष्ट है कि सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रशासनिक नेतृत्व में अनुभवी और दक्ष अधिकारियों को बनाए रखने का निर्णय लिया है, जिससे देश की सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को मजबूती मिलेगी।

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