रूस-यूक्रेन संघर्ष: युद्ध क्षेत्र से नहीं निकलेगा कोई समाधान: सूत्र

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मास्को में होने वाली शिखर वार्ता से पहले पूर्वी यूरोपीय देश की स्थिति को लेकर अमेरिका द्वारा चिंता व्यक्त किए जाने के बाद अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत ने हमेशा कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता है क्योंकि युद्ध क्षेत्र में समाधान नहीं खोजा जा सकता। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि भारत ने हमेशा क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित संयुक्त ‘राष्ट्र चार्टर’ का सम्मान करने का आह्वान किया है।

सूत्रों ने कहा कि युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं होग तथा बातचीत और कूटनीति ही इस संघर्ष के समाधान का रास्ता है।

मोदी-पुतिन की वार्ता से पहले अमेरिका ने भारत से रूस को यह स्पष्ट करने को कहा कि यूक्रेन संघर्ष के किसी भी समाधान में संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए।

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने वाशिंगटन में प्रधानमंत्री मोदी की मास्को यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट वार्ता करते हैं, इसमें रूस के साथ उनके संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं भी शामिल हैं।’

अमेरिकी अधिकारी ने आगे कहा, ‘हम भारत से आग्रह करेंगे कि वह स्पष्ट करे कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो।’

मिलर ने कहा कि अमेरिका ने भारत के सामने मास्को के साथ नयी दिल्ली के संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट कर दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को रूस की दो दिवसीय उच्चस्तरीय यात्रा शुरू की, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वीं भारत-रूस शिखर बैठक में भाग लेना है।

यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की शुरुआत के बाद से यह मोदी की पहली रूस यात्रा है।

रूसी राष्ट्रपति ने सोमवार रात मास्को के बाहरी इलाके नोवो-ओगारेवो में अपने आवास पर भारतीय प्रधानमंत्री के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया।

रूस के साथ अपनी ‘विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी’ का भारत पुरजोर बचाव करता रहा है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद संबंधों में गर्मजोशी बनी रही है।

रूस के साथ अपनी मजबूत दोस्ती को इंगित करते हुए भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है। भारत यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।

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