संसद सत्र की शुरुआत: इंडिया गठबंधन का विरोध प्रदर्शन और सत्ताधारी दल का शपथ ग्रहण

नई दिल्ली, सोमवार – 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने सांसद पद की शपथ ली। सत्र शुरू होने से पहले, इंडिया गठबंधन के सभी सांसद संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने एकत्रित हुए और संविधान की प्रति लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

प्रमुख घटनाएँ:

  1. विरोध प्रदर्शन:
    • इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संविधान की प्रतियाँ लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है।
    • कांग्रेस की दिग्गज नेता सोनिया गांधी ने भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और संविधान की प्रति लहराई। उन्होंने कहा, “संसद में संविधान बोलेगा।”
    • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकतांत्रिक परंपराओं के खत्म होने का आरोप लगाया।
  2. शपथ ग्रहण:
    • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले शपथ ली, इसके बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज चौहान, और मनोहर लाल खट्टर सहित अन्य मंत्रियों ने भी सांसद पद की शपथ ली।
    • इस दौरान, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की शपथ के समय विपक्षी दलों ने “नीट-नीट” के नारे लगाए।
    • नितिन गडकरी की शपथ के दौरान विपक्षी दलों ने भी अपने टेबल थपथपाए, जिससे संसद में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला।
  3. प्रधानमंत्री का बयान:
    • संसद सत्र की शुरुआत से पहले, पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि “कल आपातकाल के 50 साल पूरे हो जाएंगे। इस दिन लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा था। इमरजेंसी में देश को जेलखाना बना दिया था।”
    • इस बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इमरजेंसी पर बोलने के अलावा कुछ बचा नहीं है।”

विपक्ष की मांगें और बयान:

  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “पीएम मोदी और अमित शाह द्वारा संविधान पर हमला स्वीकार्य नहीं है, हम ऐसा नहीं होने देंगे। इसीलिए हमने शपथ लेते समय संविधान का हाथ थामा। हमारा संदेश लोगों तक पहुंच रहा है।”
  • टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, “हमारी मांग संविधान की रक्षा करना है। UCC लाया जाएगा। धर्मनिरपेक्षता रहेगी या नहीं हमें नहीं पता है। भारत-बांग्लादेश के बीच समझौता हुआ तो पश्चिम बंगाल सरकार को नहीं बुलाया गया। एकतरफा सब किया गया।”

निष्कर्ष:

संसद सत्र की शुरुआत के साथ ही विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए कड़े तेवर दिखाए हैं। सत्ताधारी दल ने शपथ ग्रहण के दौरान विपक्ष के विरोध को शांतिपूर्ण ढंग से सहन किया। आने वाले दिनों में संसद सत्र के दौरान सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहसों की संभावना बनी रहेगी।

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