16 सितम्बर को पूरी दुनिया विश्व ओजोन दिवस मनाती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि धरती के ऊपर फैली पतली ओजोन परत हमारी सुरक्षा छतरी है। यही परत सूरज से आने वाली खतरनाक पराबैंगनी किरणों को रोकती है, जिससे इंसानों, जानवरों और पौधों को नुकसान नहीं पहुंचता।
क्यों ज़रूरी है जागरूकता
पिछले कुछ दशकों में रासायनिक गैसों और प्रदूषण ने इस परत को कमजोर किया। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल जैसे अंतरराष्ट्रीय समझौते ने हानिकारक गैसों को कम करने में मदद की, जिसके नतीजे अब दिखने लगे हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि यदि हम यही कोशिश जारी रखें तो आने वाले वर्षों में ओजोन परत धीरे-धीरे ठीक हो सकती है।
हमारी छोटी कोशिशें
सरकारी कदमों के साथ-साथ हर व्यक्ति की जिम्मेदारी भी अहम है। प्लास्टिक का कम इस्तेमाल, पेड़ लगाना, ऊर्जा की बचत और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुओं से दूरी जैसे साधारण कदम भी फर्क डाल सकते हैं।
भविष्य की नींव
ओजोन परत की रक्षा सिर्फ एक दिन की अपील नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा का संकल्प है। आज लिया गया यह संकल्प ही हमारे भविष्य की मजबूत नींव बन सकता है।