प्रख्यात पत्रकार, लेखक और द टेलीग्राफ के वरिष्ठ संपादक संकर्षण ठाकुरका निधन हो गया है। उनके जाने से भारतीय पत्रकारिता ने अपनी एक तेजस्वी आवाज़ खो दी है।
ठाकुर अपनी गहरी समझ, साहसी राजनीतिक टिप्पणी और प्रभावशाली लेखन शैली के लिए जाने जाते थे। उन्होंने बिहार और राष्ट्रीय राजनीति की परतों को जिस गहराई से पाठकों तक पहुँचाया, वह उन्हें पत्रकारिता की मुख्यधारा से अलग खड़ा करता था।
पत्रकारिता जगत के साथ-साथ उनके पाठकों और शुभचिंतकों में गहरा दुख है। सहकर्मियों का मानना है कि ठाकुर की रिपोर्टिंग और लेखन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
उनके परिवार, मित्रों और सहयोगियों के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त की जा रही हैं। उनके शब्दों की विरासत भारतीय पत्रकारिता में लंबे समय तक जीवित रहेगी।