नवी मुंबई के शिरवणे विद्यालय एवं जूनियर कॉलेज में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल की शुरुआत हुई है।
विद्यालय परिसर में अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइंस लैब का भव्य उद्घाटन किया गया।
यह लैब एनएक्सप्लोरर्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अंतर्गत स्थापित की गई है।
इसका उद्देश्य छात्रों की वैज्ञानिक सोच, नवाचार क्षमता और समस्या समाधान कौशल को मजबूत करना है।
उद्घाटन समारोह में शिक्षा जगत, विद्यालय प्रबंधन और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षकगण और विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
पिछले वर्ष आईआईटी बॉम्बे में आयोजित टेकफेस्ट में शिरवणे विद्यालय के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया था।
एशिया के 12 देशों के छात्रों के बीच हुई इस प्रतियोगिता में विद्यालय को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था।
विद्यालय की छात्राओं ने नारियल पानी और पत्तेदार सब्जियों से इको-लेदर तैयार किया था।
इस अभिनव प्रयोग को देश और विदेश में काफी सराहना मिली थी।
छात्रों की इसी रचनात्मक सोच से प्रभावित होकर लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन और शेल एनएक्सप्लोरर्स ने संयुक्त रूप से इस लैब की स्थापना की।
यह लैब छात्रों को किताबों से आगे ले जाकर प्रायोगिक शिक्षा की ओर प्रेरित करेगी।
लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर साईंराम ने बताया कि नेक्स्ट फ्लोरिश प्रोग्राम शेल की वैश्विक पहल है।
यह कार्यक्रम दुनिया के 20 से अधिक देशों में संचालित किया जा रहा है।
भारत में यह कार्यक्रम दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में लागू है।
इसका उद्देश्य छात्रों को खाद्य, जल और ऊर्जा जैसी वास्तविक समस्याओं के समाधान के लिए तैयार करना है।
कार्यक्रम की विशेषता नेक्स्ट फ्लोरिश मेथडोलॉजी है, जिसे नेक्स्ट थिंकिंग भी कहा जाता है।
इसके तहत छात्र एक्सप्लोर, क्रिएट और चेंज के चरणों से गुजरते हैं।
विद्यालय प्रबंधक एवं भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश पाटिल ने कहा कि यह लैब भविष्य की शिक्षा का द्वार खोलेगी।
अब उन्नत शिक्षा छात्रों को पांचवीं कक्षा से ही मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि शिरवणे विद्यालय भारत का पहला स्कूल है, जहां इस तरह का एआई और नेक्स्ट फ्लोरिश सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित हुआ है।
यह लैब कक्षा 5वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी।
