नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईसीएआर के पूर्व छात्रों के सम्मेलन में संबोधन के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाना और किसान का कल्याण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन और उनका मिशन है।
सम्मेलन में मुख्य बातें:
- अवसर की आवश्यकता: चौहान ने कहा, “मैं बड़ी आशा से आपके बीच आया हूं। यहां आना और मेरा भाषण केवल कर्मकांड नहीं है। कृषि के परिदृश्य को पूरी तरह से बदल देने की मेरी जिद, जुनून और जज्बा है, जो आपके साथ मिलकर करना चाहता हूं।”
- किसान और विज्ञान का मेल: “मैं किसान और विज्ञान को जोड़ना चाहता हूं। हम प्रयोग करते हैं, किसानों को बहुत बाद में पता चलता है। मैं खेत में बैठकर किसानों से भी बात करूंगा। मैं आपके निकट संपर्क में रहना चाहता हूं,” चौहान ने कहा।
- कार्य के प्रति समर्पण: “मैं चैन से बैठने वालों में से नहीं हूं। दिन-रात काम करूंगा। किसान का कल्याण करना है, उत्पादन बढ़ाना है,” उन्होंने अपने समर्पण को स्पष्ट किया।
- नई तकनीकों का उपयोग: “किसान भाई आधुनिक तकनीकों के आधार पर काम कर ही रहे हैं। मुझे गर्व है कि गेहूं में 45 मिलियन टन उत्पादन केवल इसलिए हो रहा है कि हमने जो रीसर्च कर नए बीज बनाए हैं, यह उसका परिणाम है,” उन्होंने कहा।
- संस्थानों की भागीदारी: चौहान ने कहा, “जो अलग-अलग संस्थानों पर विभिन्न पद पर बैठे हैं, चाहे देश में बैठे हैं, चाहे विदेश में बैठे हैं, उन्हें भी मैं छोड़ूंगा नहीं। उन्हें भी मैं पकडूंगा और कहूंगा कि साथ आओ हम सब मिलकर काम करें।”
- प्रधानमंत्री का विजन: “कृषि के क्षेत्र को आगे बढ़ाना और किसान का कल्याण करना प्रधानमंत्री जी का विजन और हमारा मिशन है। जिस दिन से कृषि मंत्री बना हूं, दिन-रात सोच रहा हूं, बेहतर और कैसे करें,” चौहान ने बताया।
- छोटे किसानों की चिंता: चौहान ने कहा, “मेरी चिंता है कि हमारे यहां 86 प्रतिशत किसान स्माल मार्जिनल फार्मर हैं। डेढ़ एकड़, दो एकड़, ढाई एकड़, 1 हैक्टेयर। हमें खेती का मॉडल ऐसा बनाना पड़ेगा कि वह एक हेक्टेयर तक की खेती में कैसे अपनी आजीविका ठीक से चला सके।”
- उत्पादन बढ़ाना और लागत घटाना: “मैं कहता हूं उत्पादन बढ़ाना है, उत्पादन की लागत घटाना है, तीसरी चीज उत्पादन का ठीक दाम देना है। घाटे की नहीं फायदे की खेती बनाना है और उसके लिए हम और प्रधानमंत्री मोदी प्रतिबद्ध हैं,” चौहान ने स्पष्ट किया।
- विज्ञान से जुड़ाव: चौहान ने कहा, “किसान को हमें विज्ञान से जोड़ना है। खेत, किसान से लेकर वैज्ञानिक तक अगर जुड़ जाए और ज्ञान सीधे किसान के खेत में पहुंच जाए तो चमत्कार हो सकता है।”
- सुझाव और सहभागिता: “आपके और मेरे बीच एक फोन कॉल की दूरी है। मैं धीरे-धीरे अलग-अलग भी मिलूंगा लेकिन मिलने में समय लगता है। इसके लिए सुझाव भी आप मुझे भेज सकते हैं फिर हम चर्चा कर सकते हैं।”
निष्कर्ष: शिवराज सिंह चौहान का यह बयान उनके कृषि क्षेत्र के प्रति दृढ़ संकल्प और समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए अपने मिशन को स्पष्ट किया और कृषि के विकास के लिए विज्ञान और तकनीक का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनकी योजनाएं और विचार निश्चित रूप से भारतीय कृषि को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होंगे।