लेह में शुक्रवार को जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। यह कदम उस समय उठाया गया जब लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शनों में हिंसा भड़क गई। इन झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
लद्दाख को 2019 में जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। स्थानीय संगठनों—जिनमें लेह एपेक्स बॉडी भी शामिल है—का आरोप है कि सरकार ने जमीन और नौकरियों पर स्थानीय लोगों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए। इसी वजह से प्रदर्शनकारियों ने पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत विशेष संवैधानिक सुरक्षा की मांग तेज कर दी।
अधिकारियों का कहना है कि वांगचुक ने हाल के अनशन और बयानों से लोगों को भड़काया, जिससे हालात बिगड़े। उनकी एनजीओ की विदेशी फंडिंग को लेकर भी जांच चल रही है। प्रशासन ने इस आधार पर NSA के तहत कार्रवाई की है।
गिरफ्तारी के बाद लेह और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव है कि वे लद्दाख के लोगों की मांगों और आंदोलन के कारणों पर जल्द कोई ठोस समाधान पेश करें, ताकि क्षेत्र में शांति बहाल हो सके।