उच्चतम न्यायालय ने ‘नीट-यूजी’ परीक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की

 उच्चतम न्यायालय ने विवादों में घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी 2024’ से जुड़ी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई शुरू की।

नीट-यूजी अभ्यर्थियों की ओर से पेश एक वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने प्रश्नपत्र लीक होने और लीक हुए प्रश्नपत्र को व्हाट्सएप के माध्यम से साझा किए जाने की बात स्वीकार की है।

सुनवाई शुरू होने पर भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पक्षकारों के वकीलों से पूछा कि परीक्षा के केंद्रवार और शहरवार परिणाम घोषित करने से क्या सामने आया है।

मामले की सुनवाई जारी है।

नीट परिणाम के आंकड़ों का विश्लेषण करने से शनिवार को यह पता चला था कि प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य अनियमितताओं से कथित रूप से लाभान्वित हुए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, लेकिन कुछ केंद्रों पर कई छात्रों ने परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया है।

नीट-यूजी के परिणाम पांच जून को घोषित किए गए थे, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद इन्हें इस प्रारूप में प्रकाशित किया गया है।

राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में कथित अनियमितताओं के लिए जांच के दायरे में आए केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यार्थियों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से काफी खराब था। इन केंद्रों में झारखंड के हजारीबाग का ओएसिस स्कूल, हरियाणा के झज्जर का हरदयाल पब्लिक स्कूल और गुजरात के गोधरा का जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल शामिल है।

उच्चतम न्यायालय ने 18 जुलाई को एनटीए को अभ्यर्थियों की पहचान गुप्त रखते हुए 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक नीट-यूजी 2024 के केंद्रवार और शहरवार परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया था।

न्यायालय ने कहा था कि वह इस बात का पता लगाना चाहता है कि कथित रूप से दागी केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अन्य स्थानों के अभ्यर्थियों की तुलना में अधिक अंक मिले हैं या नहीं।

पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें एनटीए द्वारा दायर याचिका भी शामिल है। एनटीएस ने परीक्षा में कथित अनियमितताओं के संबंध में विभिन्न उच्च न्यायालयों में उसके खिलाफ लंबित मुकदमों को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।

पांच मई को 23.33 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा दी थी। इन शहरों में 14 विदेशी शहर भी शामिल थे।

केंद्र और एनटीए ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपने हलफनामों में कहा था कि बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में परीक्षा को रद्द करना ‘‘प्रतिकूल’’ होगा और यह लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों को ‘‘गंभीर रूप से खतरे में’’ डालेगा।

देशभर के सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है।

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