रिश्वत मामले में डीआईजी भुल्लर को सुप्रीम कोर्ट से झटका

रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार पंजाब के रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है, शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को उनकी जमानत से जुड़ी याचिका खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि इस चरण पर वह मामले में कोई दखल नहीं देगा, क्योंकि यह मामला फिलहाल हाई कोर्ट में लंबित है और वहां सुनवाई जारी है।

कोर्ट ने डीआईजी भुल्लर के वकील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसके बाद उनके वकील ने अर्जी वापस ले ली।

दरअसल, भुल्लर ने अपनी याचिका में सीबीआई की जांच के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी थी, उनका तर्क था कि पंजाब में सीबीआई को केस दर्ज करने के लिए राज्य सरकार की आवश्यक अनुमति नहीं मिली है।

इसी आधार पर उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया था और अंतरिम राहत के तौर पर जमानत के साथ-साथ मामले की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी।

हालांकि, हाई कोर्ट ने उन्हें कोई अंतरिम राहत नहीं दी और मामले की अगली सुनवाई एक महीने बाद के लिए तय कर दी थी।

इसके बाद डीआईजी भुल्लर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर राहत की गुहार लगाई, लेकिन शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के निर्णय में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि सीबीआई ने 16 अक्टूबर को रोपड़ रेंज के डीआईजी पद पर तैनात हरचरण सिंह भुल्लर को बिचौलिए कृषाणु शारदा के साथ गिरफ्तार किया था, उन पर एक स्क्रैप डीलर से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है।

सीबीआई ने बताया कि बिचौलिए कृषाणु शारदा को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया था, जबकि डीआईजी भुल्लर को मोहाली स्थित उनके कार्यालय से हिरासत में लिया गया।

जांच के दौरान चंडीगढ़ स्थित भुल्लर के घर पर की गई तलाशी में सीबीआई ने 7.36 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 2.32 करोड़ रुपये से ज्यादा के आभूषण, 26 महंगी ब्रांडेड घड़ियां और करीब 50 अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए।

इसके अलावा डीआईजी भुल्लर के खिलाफ कथित तौर पर बेहिसाब संपत्ति जमा करने के आरोप में एक अलग एफआईआर भी दर्ज की गई है, जो इंस्पेक्टर सोनल मिश्रा की शिकायत के आधार पर की गई थी।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद डीआईजी भुल्लर को अपनी कानूनी लड़ाई हाई कोर्ट में ही जारी रखनी होगी, जहां आने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।