एमपी में OBC आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सभी ट्रांसफर याचिकाएं स्वीकार

मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण को लेकर एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। राज्य में OBC वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दायर की गई सभी 52 ट्रांसफर याचिकाएं स्वीकार कर ली हैं। शीर्ष अदालत ने सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है और इनकी सुनवाई अब रिट याचिका (सिविल) संख्या 423/2019 के साथ की जाएगी।

जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ ने यह सुनवाई की। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सरकारी विभागों में चयनित उम्मीदवारों की नियुक्तियों को होल्ड करने के मामलों पर भी विचार किया जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कुछ अहम सुझाव भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि सरकार हर हाल में OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना के साथ काम कर रही है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि OBC की जो रिपोर्ट शिवराज सरकार के दौरान आई थी, उसका पुनर्निरीक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा कोर्ट में याचिका दाखिल करने वालों से चर्चा कर समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे सरकार पर आरोप लगाने से पहले अपने कार्यकाल की समीक्षा करें। दरअसल, 2019 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने OBC आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था, जिसे बाद में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और उस पर रोक लग गई। यह मामला तब से अदालत में विचाराधीन है।