सरकार ने देश में बने तीन नए सुपर कंप्यूटर “परम रुद्र” को आज राष्ट्र को समर्पित किया। ये सुपर कंप्यूटर पुणे, दिल्ली और कोलकाता में स्थापित किए जाएंगे। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी थी कि इन कंप्यूटरों का इस्तेमाल तकनीकी इनोवेशन और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। उन्होंने युवाओं को इस अवसर का साक्षी बनने का आग्रह भी किया।
सुपर कंप्यूटर क्या हैं और क्यों महत्वपूर्ण हैं?
सुपर कंप्यूटर, सामान्य कंप्यूटर की तुलना में कई गुना तेज और शक्तिशाली होते हैं। ये जटिल और बड़े पैमाने पर गणनाओं को बेहद कम समय में पूरा करने की क्षमता रखते हैं। जिन कार्यों को साधारण कंप्यूटर करने में सैकड़ों साल लग सकते हैं, सुपर कंप्यूटर उन्हें कुछ ही क्षणों में पूरा कर सकते हैं। इन कंप्यूटरों का प्रमुख उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु अध्ययन, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में होता है।
परम रुद्र: भारत में निर्मित सुपर कंप्यूटर
प्रधानमंत्री मोदी ने जिन तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटरों का उद्घाटन किया, उनमें नवीनतम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इनमें से अधिकांश उपकरणों और कंपोनेंट्स का निर्माण और संयोजन भारत में ही हुआ है, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बढ़ावा देता है।
सुपर कंप्यूटरों के विभिन्न उपयोग
- पुणे: यहां के विशालकाय मीटर रेडियो टेलीस्कोप के साथ सुपर कंप्यूटर का उपयोग खगोलीय घटनाओं जैसे फास्ट रेडियो बर्स्ट का पता लगाने में किया जाएगा।
- दिल्ली: इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) में इसका इस्तेमाल पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी के अनुसंधान में होगा।
- कोलकाता: यहां भी वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्य तकनीकी प्रयोगों में इसका उपयोग किया जाएगा।
भविष्य के लिए महत्त्व
इन सुपर कंप्यूटरों के माध्यम से भारत विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में और अधिक प्रगति करेगा। इससे न केवल देश के वैज्ञानिकों को लाभ मिलेगा, बल्कि देश की तकनीकी क्षमताओं को भी वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी। सुपर कंप्यूटिंग की यह प्रगति भारत के युवाओं के लिए भी नए अवसर और शोध के क्षेत्र में नई संभावनाएं लेकर आएगी।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा समर्पित ये सुपर कंप्यूटर भारत को उच्च तकनीकी अनुसंधान में एक नई दिशा देने की ओर बढ़ने का संकेत हैं।